…तो गुलशन कुमार की हत्या के पीछे ये थी वजह

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टी सीरीज के गाने अस्सी के दशक में लोगों के सर चढ़कर बोलते थे।  बेहद कम वक्त में ही टी-सीरीज बहुत बड़ी कंपनी (company)बन गई और गुलशन कुमार के चर्चे भी फिल्म और संगीत की दुनिया में गूंजने लगे। आइये आपको बताते है इस कंपनी और गुलशन कुमार से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातेँ।

भारत की नंबर वन म्यूजिक कंपनी बन जाएगी?

1980 का दशक…टी-सीरीज नाम की एक म्यूजिक कंपनी की नींव रखी गई। तब किसने सोचा था कि देखते ही देखते यह कंपनी एक दिन भारत की नंबर वन म्यूजिक कंपनी बन जाएगी? लेकिन इसका क्रेडिट जाता है म्यूजिक के बादशाह गुलशन कुमार को, जिन्होंने 80 के उस दशक में टी-सीरीज की नींव रखी।

जल्द ही कैसेट किंग बनकर मशूहर हो गए

शुरुआत में यह एक मामूली सी कंपनी थी, जो बॉलिवुड गानों के पायरेटिड वर्जन बनाकर बेचती थी। चूंकि गुलशन कुमार को बचपन से ही म्यूजिक का बेहद शौक था, इसलिए वह ऑरिजनल गानों को अपनी आवाज में रेकॉर्ड कर बेचने लगे। इसकी वजह से वह जल्द ही कैसेट किंग बनकर मशूहर हो गए। धीरे-धीरे गुलशन कुमार की छत्रछाया में कंपनी ने फिल्म प्रॉडक्शन के क्षेत्र में कदम रखे। बेहद कम वक्त में ही टी-सीरीज बहुत बड़ी कंपनी बन गई और गुलशन कुमार के चर्चे भी फिल्म और संगीत की दुनिया में गूंजने लगे।

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गुलशन कुमार की सक्सेस स्टोरी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। जिन हालातों में संघर्ष कर गुलशन कुमार ने सफलता की रोशनी को छुआ, वह आज के दौर में किसी और के लिए सोच पाना भी मुश्किल है, लेकिन गुलशन कुमार को क्या पता था कि उनकी यही सफलता कुछ लोगों को इस कदर खटकने लगेगी कि उन्हें ही एक दिन रास्ते से हटा दिया जाएगा।

 नदीम सैफी को जिम्मेदार मान लिया गया

12 अगस्त 1997 का वह काला दिन, किसी ने नहीं सोचा होगा कि गुलशन कुमार को यूं गोलियों से भून दिया जाएगा। मुंबई के जुहू में जीत नगर इलाके में कुछ बदमाशों ने गुलशन कुमार पर गोलियां बरसा दीं।गुलशन कुमार की हत्या से जहां पूरी म्यूजिक इंडस्ट्री सदमे में थी, उससे ज्यादा सदमा लोगों को यह जानकर लगा कि हत्या के मामले में म्यूज़िक कंपोज़र नदीम सैफी को जिम्मेदार मान लिया गया।

गुलशन कुमार के जाने के बाद पूरी परिवार और कंपनी की जिम्मेदारी उनके बेटे भूषण कुमार पर आ गई और भूषण ने भी उस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया। आज भी भूषण के पिता यानि गुलशन कुमार की धरोहर दिन-दोगुनी, रात-चौगुनी तरक्की कर रही है।

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