अयोध्या मामले में सुनवाई पूरी, सुप्रीम कोर्ट ने सुरक्षित रखा फैसला

0

अयोध्या के ऐतिहासिक जमीन विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है। सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय संवैधानिक बेंच ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। सीजेआई अगले महीने 18 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं, ऐसे में उससे पहले इस ऐतिहासिक मामले में फैसला आ सकता है। सीजेआई ने बुधवार को स्पष्ट कर दिया कि आज ही शाम 5 बजे तक सुनवाई पूरी होगी लेकिन 1 घंटे पहले ही 4 बजे सुनवाई पूरी हो गई।

सुनवाई तय होने के बाद 40 दिनों तक पक्षों ने दलीलें रखीं

अयोध्या मामले में नियमित सुनवाई तय होने के बाद 40 दिनों तक हिंदू और मुस्लिम पक्षों ने अपनी-अपनी दलीलें रखीं। बुधवार को सुनवाई के 40वें और आखिरी दिन मुस्लिम पक्ष के वकील ने हिंदू पक्ष की तरफ से जमा किए एक नक्शे को फाड़ दिया। इसके बाद दोनों पक्षों के वकीलों में तीखी नोकझोक भी हुई।

सीजेआई गोगोई ने दी कड़ी प्रतिक्रिया

इस पर सीजेआई गोगोई ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने देखा कि मामले में शामिल पक्ष एक ऐसा माहौल पैदा कर रहा है, जो सुनवाई के अनुकूल नहीं है। उन्होंने कहा, ‘हम सुनवाई को इस तरह से जारी नहीं रख सकते। लोग खड़े हो रहे हैं और बिना बारी के बोल रहे हैं। हम भी अभी खड़े हो सकते हैं और मामले की कार्यवाही को खत्म कर सकते हैं।’

जन्म स्थान की पहचान करते हुए नक्शा जमा किया

सुनवाई के 40वें दिन अखिल भारतीय हिंदू महासभा की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील विकास सिंह ने एक किताब व कुछ दस्तावेज के साथ विवादित भगवान राम के जन्म स्थान की पहचान करते हुए एक नक्शा जमा किया। मुस्लिम पक्ष की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने दस्तावेज के रेकॉर्ड में नहीं होने की बात कहते हुए आपत्ति जताई। अदालत में दस्तावेज को फाड़ने की 5 जजों की बेंच से अनुमति मांगते हुए धवन ने कहा, ‘क्या, मुझे इस दस्तावेज को फाड़ने की अनुमति है….यह सुप्रीम कोर्ट कोई मजाक नहीं और इसके बाद उन्होंने दस्तावेज के टुकड़े-टुकड़े कर दिए।’

किताब जमा करने के प्रयास पर आपत्ति जताई

धवन ने सिंह द्वारा मामले से जुड़ी एक किताब जमा करने के प्रयास पर भी आपत्ति जताई। उन्होंने इसे प्रस्तुत करने पर तेज आवाज में आपत्ति जताई और इसका विरोध किया। अदालत ने धवन की आपत्तियों को दर्ज किया। सिंह ने जोर दिया कि सीता रसोई व सीता कूप के नक्शे से जगह की पहचान होती है, जो कि भगवान राम की जन्मभूमि है। सीजेआई ने पाया कि यह सुनवाई के अनुकूल वातावरण नहीं है, खास तौर से मुस्लिम पक्ष का व्यवहार। अदालत के भीतर मामलों की स्थिति पर अपनी पीड़ा जाहिर करते हुए सीजेआई ने कहा, ‘जहां तक हम समझते हैं, बहस खत्म हो गई है।’

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More