17 सरकारी छापाखानों का 5 में विलय होगा : अरुण जेटली

0

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को 17 सरकारी छापाखानों (प्रिंटिंग प्रेस) का पांच इकाइयों में विलय करने का फैसला किया। इससे किसी की नौकरी को नुकसान नहीं पहुंचेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में चालू छापाखानों के ‘विलय व आधुनिकीकरण’ का फैसला किया गया।

read more : गडकरी से बुंदेलखंड के लिए ‘विशेष पैकेज’ की मांग      

सरकारी विभागों व मंत्रालयों की वार्षिक रपटों की छपाई करते हैं

वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस कदम से सरकार 468 एकड़ भूमि को केंद्रीय पूल में लेने में सक्षम हो जाएगी।उन्होंने कहा कि किसी भी प्रिंटिंग प्रेस के अतिरिक्त कर्मचारियों को अन्यत्र तैनात किया जाएगा।सरकारी प्रिंटिंग प्रेस वार्षिक केंद्रीय बजट, संसद सत्र के कागजात, सरकार के नीतिगत दस्तावेज, गुप्त व गोपनीय प्रकाशन जैसे परीक्षा पत्र, आयकर फार्म, पोस्टल फार्म व सरकारी विभागों व मंत्रालयों की वार्षिक रपटों की छपाई करते हैं।

यह कदम सरकारी खजाने के बिना लागत के और बिना किसी छंटनी के किया जाएगा

ये प्रिंटिंग प्रेस दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गुजरात, केरल, पश्चिम बंगाल, चंडीगढ़, ओडिशा व कर्नाटक में स्थित हैं।विलय के बाद पांच इकाइयों में से तीन दिल्ली में -राष्ट्रपति भवन, मिंटो रोड व मायापुरी में- तथा महाराष्ट्र (नासिक) व पश्चिम बंगाल (कोलकाता) में एक-एक इकाई स्थित होगी।एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि यह कदम सरकारी खजाने के बिना लागत के और बिना किसी छंटनी के किया जाएगा।

56.67 एकड़ जमीन संबंधित राज्य सरकारों को वापस की जाएगी

बयान में कहा गया है, “इन पांच प्रेसों का पुनर्विकास व आधुनिकीकरण इनकी पर्याप्त भूमि के मुद्रीकरण से किया जाएगा। दूसरे विलय होने वाले प्रेसों की 468.08 एकड़ जमीन लैंड व डेवलेपमेंट कार्यालय को दी जाएगी। गर्वमेंट ऑफ इंडिया बुक प्रेस (जीआईटीबीपी) की चंडीगढ़, भुवनेश्वर व मैसूर में 56.67 एकड़ जमीन संबंधित राज्य सरकारों को वापस की जाएगी।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More