अगर आप एंड्रॉयड स्मार्टफोन यूजर हैं तो हो जाइये…सावधान

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दुनिया भर में 80 फीसदी से ज्यादा मोबाइल फोन, गैजेट्स एंड्रॉयड प्लेटफॉर्म पर चल रहे हैं। गूगल के ऑपरेटिंग प्लेटफॉर्म एंड्रॉयड ने डिजिटल वर्ल्ड को अपग्रेड तो किया है, लेकिन प्राइवेसी पर खतरा भी बढ़ा है। प्राइवेसी में सेंधमारी से जुड़ा एक नया मामला सामने आया है। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि लोकेशन सर्विसेज को बंद करने के बावजूद गूगल एंड्रॉयड स्मार्टफोन पर यूजर का लोकेशन डेटा कलेक्ट कर रहा है।

गूगल लोकेशन को करता है ट्रैक

रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर यूजर एंड्रॉयड मोबाइल पर लोकेशन डिसेबल कर देता है या किसी ऐप का इस्तेमाल नहीं करता है या फिर मोबाइल में SIM नहीं भी डालता है तो भी गूगल आपकी लोकेशन को ट्रैक करता है। एंड्रॉयड डिवाइस गूगल को आपके डिटेल्स उस समय भेजता है, जब आपका फोन इंटरनेट से कनेक्ट होता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यूजर लोकेशन डेटा ट्रैकिंग की प्रक्रिया इस साल के शुरुआत से चल रही है. गूगल डिवाइस में लोकेशन सर्विसेज बंद होने के बावजूद आपके करीब के सेलुलर टावर्स के एड्रेस को कलेक्ट करता है।

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सुधार के लिए कलेक्ट किया जा रहा है डेटा

इस बारे में गूगल के प्रवक्ता का कहना है कि कंपनी एंड्रॉयड में पुश नोटिफिकेशंस और मेसेज की डिलीवरी सुधारने के लिए सेल टावर एड्रेस को कलेक्ट कर रही है। उन्होंने बताया कि कंपनी यह काम करीब 11 महीने से कर रही है। हालांकि, गूगल के प्रवक्ता का कहना है कि यूजर लोकेशन डेटा को कभी स्टोर नहीं किया गया है। गूगल का कहना है कि वह नवंबर आखिर से सेल टावर लोकेशन के रूप में यूजर लोकेशन डेटा को कलेक्ट करना बंद कर देगा।

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यूजर्स की प्राइवेसी के लिए सीधा खतरा

कंपनी ने कहा है, ‘एंड्रॉयड फोन अब गूगल को सेल टावर लोकेशन नहीं भेजेंगे। कंज्यूमर्स अपनी तरफ से इस फीचर को बंद नहीं कर सकते हैं।’ यह रिपोर्ट यूजर प्राइवेसी पर कई तरह के सवाल खड़ा करती है। खुद को ट्रैक किया जाना, यूजर्स की प्राइवेसी के लिए सीधा खतरा है, लेकिन उनके पास इसे बंद करने का कोई विकल्प नहीं है। गूगल के प्रवक्ता ने बताया, ‘इस साल जनवरी में हमने मेसेज डिलीवरी की स्पीड, परफॉर्मेंस में और सुधार लाने के लिए एडिशनल सिग्नल के रूप में Cell ID कोड्स का इस्तेमाल करना शुरू किया। हालांकि, हमने कभी Cell ID को अपने नेटवर्क सिंक सिस्टम के साथ इनकॉरपोरेट नहीं किया, ऐसे में उस डेटा को तुरंत ही खत्म कर दिया गया।’ रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर गूगल के पास पहुंचा डेटा इनक्रिप्टेड है तो भी उसमें सेंधमारी हो सकती है।

(साभार- न्यूज-18)

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