गुजरात में लागू हुआ गरीब सवर्णों का आरक्षण कानून, लोक सेवा परीक्षा टली

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राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी के बाद गरीबों को आरक्षण देने वाला विधेयक कानून (General Quota Reservation) बन गया है। रविवार को गुजरात देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने आर्थिक रूप से पिछड़े गरीबों (ईडब्ल्यूएस) को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में दिए जाने वाले 10 फीसदी आरक्षण को लागू करने की घोषणा कर दी है। इसकी जानकारी मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने ट्वीट के जरिए दी। वहीं इस दौरान लोक सेवा आयोग की परीक्षा भी टाल दी गयी है।

आज से सामान्य वर्ग के लिए आरक्षण लागू:

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सामान्य श्रेणी के आर्थिक रूप से कमजोर तबके को सरकारी नौकरियों एवं शिक्षा में 10 फीसदी आरक्षण देने संबंधी विशेष प्रावधान को मंजूरी दी थी। इसके बाद गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने कहा है कि उनकी सरकार ने फैसला लिया है कि यह कानून गुजरात में 14 जनवरी से लागू होगा।

लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष ने भी किया ट्वीट :

हालाँकि सरकार ने इस मामले में अभी कोई सर्कुलर जारी नहीं किया है। वहीं मुख्यमंत्री के ट्वीट के बाद गुजरात लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष दिनेश दास ने ट्वीट कर कहा कि 20 जनवरी को होने वाले लोक सेवा आयोग की परीक्षा को टाल दिया गया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, गुजरात लोक सेवा आयोग 20 जनवरी, 2019 को आयोजित होने वाली सभी प्रारंभिक परीक्षाओं को टालता है क्योंकि आडब्ल्यूएस आरक्षण को लागू किया जा रहा है। आगे की जानकारी का ऐलान आयोग समय-समय पर कर देगा।

10 फीसदी कोटा सभी भर्तियों में लागू किया जाएगा:

लोक सेवा परीक्षा पर रुपाणी ने कहा कि 10 फीसदी कोटा उन सभी भर्तियों में लागू किया जाएगा जहां विज्ञापन प्रकाशित हुए हैं लेकिन पहले चरण की परीक्षा होना अभी बाकी है। सरकार ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि जारी प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया है और 10 फीसदी का अतिरिक्त आरक्षण लागू करने के बाद इसे शुरू किया जाएगा।

 

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