17 की उम्र में कत्ल का पहला इल्जाम, ऐसे माफिया से नेता बना अतीक अहमद
देश की सियासत में कई ऐसे नेता भी हैं जिनकी जुर्म की दुनिया में एक खासी पहचान है। राजनीति में भले ही वह जनता के शुभचिंतक बनकर आए हो लेकिन वह अपनी माफिया वाली छवि से बाहर नहीं निकल पाए हैं। उन्हीं में से एक नाम है अतीक अहमद।
गैंगस्टर से नेता बने अतीक अहमद जेल में बंद हैं। इनकी मुश्किलें अब बढ़ सकती हैं। अतीक अहमद और उनके साथियों द्वारा कथित तौर पर एक करोबारी के अपहरण और मारपीट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है।
शीर्ष अदालत ने सीबीआई से मामले की जांच करने को कहा है। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने अतीक अहमद को उत्तर प्रदेश के जेल से गुजरात के जेल में भेजने का भी आदेश दिया है।
ऐसा रहा बाहुबली अतीक का सफरनामा-
बाहुबली अतीक अहमद का जन्म 10 अगस्त 1962 को श्रावस्ती जनपद में हुआ था। पढ़ाई-लिखाई में कोई खास रूचि नहीं थी। हाईस्कूल में फेल होने के बाद पढ़ाई से नाता तोड़ लिया। अतीक का नाम पूर्वांचल और इलाहाबाद में सरकारी ठेकेदारी, खनन और उगाही के कई मामलों में आया।
अतीक पर 17 साल की उम्र में कत्ल का इलजाम लगा था। इस माफिया के खिलाफ उत्तर प्रदेश के लखनऊ, कौशाम्बी, चित्रकूट, इलाहाबाद ही नहीं बल्कि बिहार में भी हत्या, अपहरण, जबरन वसूल आदि के मामले दर्ज हैं। कई माफियाओं की तरह ही अतीक अहमद ने भी जुर्म की दुनिया से सियासत की दुनिया का रुख किया।
मायावती से आया खौफ-
2004 लोकसभा चुनाव में समाजवादी के टिकट पर अतीक फूलपुर से सांसद बन गए। 2007 में जब सत्ता मायावती के हाथ में थी तो उस वक्त अतीक के हौंसले पस्त होने लगे। उसके खिलाफ एक के बाद एक मुकदमे दर्ज हो रहे थे।
2007 दिसंबर में सपा से बाहुबली सांसद को बाहर कर दिया गया था। मायावती की कुर्सी आ जाने से अतीक को भूमिगत होना पड़ा। अतीक ने कहा था कि उस उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री मायावती से जान का खतरा है।
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