Diwali special : जानें क्यों छोटी दीवाली क्यो कहते हैं ‘नरक चतुर्दशी’

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आज छोटी दीवाली हैं। क्या आपको पता हैं छोटी दीवाली को नरक चतुर्दशी भी कहा जाता हैं। आज देशभर में नरक चौदस का त्यौहार मनाया जा रहा है। इसे नरक चतुर्दशी और सौंदर्य चौदस भी कहते हैं। छोटी दीवाली पर खास तौर पर यमराज की पूजा की जाती हैं। घर की महिलाएं इस दिन घर की नाली और दरवाजें पर दिये जलाती हैं।

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महत्व और इससे जुड़ी कुछ मान्यताओं के बारे में…

साथ ही परिवार की लम्बी आयु का कामना करती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन अच्छी तरह से स्नान और श्रृंगार से शरीर निरोग रहता है और सुख-समृद्धि आती है। आज के दिन यमराज की पूजा विशेष तौर पर की जाती है। जानें, इस दिन का महत्व और इससे जुड़ी कुछ मान्यताओं के बारे में।

फिर यम देव को अंजुली में भरकर जल चढ़ाते हैं

इस दिन को यम देव का दिन भी कहा जाता है। कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को यमदेव की विधि-विधान से पूजा की जाती है ताकि वे प्रसन्न रहें। इससे भक्त या उसके आत्मीयों को दुर्घटना या अकाल मृत्यु का डरनही रहता है। चौदस के रोज तरह-तरह के उबटन लगाकर स्नान करते हैं और फिर यम देव को अंजुली में भरकर जल चढ़ाते हैं।

हनुमान जी को सिंदूरदान भी करते हैं

कई जगहों पर इस दिन को हनुमान जन्मोत्सव की तरह से भी मनाया जाता है क्योंकि इस तिथि को हनुमान जी का जन्म हुआ था। हनुमान चालीसा, सुंदरकांड का पाठ और रात जागरण किया जाता है। हनुमान जी को सिंदूरदान भी करते हैं।

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इससे होता है रोग-भय दूर

*इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान का महत्व है। इससे त्वचा से संबंधित किसी तरह की बीमारी का डर दूर होता है।

*घर के मुखिया को नहाने के पानी में हल्दी और कुमकुम डालकर वरूण देव का ध्यान करना चाहिए, इससे परिवार के सभी सदस्यों की आयु बढ़ती है।

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*नहाने से पहले तिल और हल्दी मिलाकर उबटन बनाएं और उसे लगाकर फिर नहाएं।  तिल के तेल की मालिश भी कर सकते हैं।

ऐसे करें पूजा

नरक चतुर्दशी पर सूरज उगने से पहले स्नान करें. माना जाता है कि इस वक्त अपामार्ग की टहनियों को सात बार सिर के ऊपर घुमाना चाहिए, फिर सिर से स्नान किया जाना चाहिए. स्नान के बाद पानी में काला तिल डालकर तीन बार यमराज को तर्पण दें। रात में घर के भीतर दीप जलाएं।

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