किरण बेदी को याद कर रहे दिल्ली के पुलिसवाले, वजह 31 साल पुरानी है

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मंगलवार को दिल्ली पुलिस के जवानों ने पुलिस-वकील विवाद के चलते प्रदर्शन किया था। सुबह से रात तक पुलिस हेडक्वार्टर के सामने प्रदर्शन और नारेबाजी होती रही।

दिल्ली पुलिस की सीनियर आफिसर रह चुकीं किरण बेदी ने दिल्ली पुलिस के जवानों का समर्थन किया। उन्होंने सलाह दी कि नतीजा चाहे कुछ भी हो, पुलिस अपने रुख पर दृढ़ता से कायर रहे।

किरण बेदी को याद कर रही दिल्ली पुलिस-

पुदुचेरी की उपराज्यपाल किरण बेदी के पोस्टर को प्रदर्शन कर रहे पुलिस​कर्मियों ने थामे रखा।

साथ ही पुलिसकर्मी नारा लगा रहे थे ‘किरण बेदी शेरनी हमारी’, ‘हमारा पुलिस कमिश्नर कैसा हो, किरण बेदी जैसा हो’।

आखिर क्यों वकीलों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे पुलिस​कर्मी किरण बेदी को याद कर रहे थे?

1988 में भी आमने सामने आये थे पुलिस-वकील-

इसके पीछ 31 साल पुरानी एक कहानी है। इस कहानी के तार भी तीस हजारी कोर्ट से जुड़े हैं।

15 जनवरी 1988 को पुलिस ने एक वकील को सेंट स्टीफेंस कॉलेज से एक लड़की का पर्स चुराते हुए गिरफ्तार किया था।

16 जनवरी को जब वकील को हथकड़ी लगाकर तीस हजारी कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया तो वहां मौजूद वकील भड़क गए।

उन्होंने तत्काल आरोपी वकील को छोड़ने की मांग की।

साथ ही पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

मजिस्ट्रेट ने वकील को छोड़ दिया।

साथ ही दिल्ली पुलिस कमिश्नर को आरोपी पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक्शन लेने को कहा।

उस समय आईपीएस किरण बेदी दिल्ली डीसीपी नॉर्थ के पद पर तैनात थीं।

दिल्ली में मचा था बवाल-

इसके बाद 18 जनवरी को वकील अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चले गए।

किरण बेदी ने 20 जनवरी को एक बयान जारी कर पुलिस एक्शन को सही करार दिया।

उन्होंने कथित ‘चोर’ को छोड़ने के लिए मजिस्ट्रेट की आलोचना भी की।

21 जनवरी को कुछ वकील किरण बेदी से उनके दफ्तर में मुलाकात करना चाहते थे।

उस वक्त किरण बेदी का दफ्तर तीस हजारी कोर्ट कॉम्पलेक्स में ही हुआ करता था।

तब लाठी चार्ज का आदेश दे दिया गया।

इसमें कई वकील घायल हो गए थे। इसके बाद दिल्ली में हंगामा हो गया।

वकील किरण बेदी के इस्तीफे की मांग करते रहे और 2 महीने तक काम नहीं किया।

वकीलों ने लगाया था किरण बेदी पर आरोप-

वकीलों ने किरण बेदी पर अत्याधिक बल का प्रयोग करने का आरोप लगाया था।

इस पर किरण बेदी ने कहा कि वकील उनके दफ्तर में जबरन घुस आए थे।

वे गालियां दे रहे थे और कपड़े फाड़ दे रहे थे।

इसके बाद मजबूरन पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा।

किरण बेदी के ट्रांसफर की सिफारिश-

इस मामले में आखिरकार दिल्ली हाई कोर्ट को दखल देना पड़ा।

मामले की जांच करने के लिए दो जजों की एक कमेटी का गठन किया गया।

इस कमेटी ने कहा कि आरोपी वकील को हथकड़ी लगाना गलत था।

कमेटी ने किरण बेदी के ट्रांसफर की भी सिफारिश की।

नहीं झुकी किरण बेदी-

इस घटना पर किरण बेदी ने एक न्यूज एजेंसी से कहा कि वकीलों की ओर से उन पर बहुत दबाव बनाया गया।

लेकिन वे अपने रुख पर कायम रहीं और झुकने से इनकार कर दिया।

तीस हजारी कोर्ट की मौजूदा घटना के बाद किरण बेदी ने दिल्ली पुलिस को सलाह दी है कि वह अपने रुख पर दृढ़ता से कायम रहे चाहे नतीजा कुछ भी हो।

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