6 घंटे से कम नींद यानी जल्दी मौत का पैगाम

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छह घंटे से कम की नींद मेटाबोलिक सिंड्रोम से पीड़ित लोगों में मृत्यु का जोखिम लगभग दोगुना कर सकती है। मेटाबोलिक सिंड्रोम मधुमेह, उच्च रक्तचाप और मोटापे का एक संयोजन है। एक अध्ययन से पता चला है कि मेटाबॉलिक सिंड्रोम से पीड़ित लोग अगर छह घंटे से अधिक की नींद लेते हैं तो उन्हें स्ट्रोक के कारण मौत का जोखिम लगभग 1.49 गुना अधिक होता है। वहीं, इसके उलट छह घंटे से कम सोने वालों को हृदय रोग से मौत का जोखिम 2.1 फीसदी अधिक होता है।

शोधकर्ताओं ने बताया कि मेटाबॉलिक सिंड्रोम से पीड़ित कम नींद लेने वालों को बगैर मेटाबॉलिक सिंड्रोम से पीड़ित लोगों की तुलना में किसी भी कारण से 1.99 प्रतिशत अधिक मौत का जोखिम होता है।

यूनिवर्सिटी ऑफ पेंसिलवेनिया से सहायक प्राध्यापक व इस अध्ययन के मुख्य लेखक, जूलियो फर्नांडीस-मेंडोजा ने कहा, “अगर आप हृदय रोग के जोखिम से गुजर रहे हैं तो अपनी नींद का ध्यान रखें और अगर आप नींद की कमी से ग्रस्त हैं तो इस जोखिम से बचने के लिए चिकित्सक से परामर्श लें।”

यह शोध ‘अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन’ पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।

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