कोरोना ने छोटे शहरों का किया रुख तो दम तोड़ने लगी सरकार की तैयारियां
शुक्रवार को ग़ाज़ीपुर में कोरोना पॉजिटिव का पहला मामला सामने आने के साथ ही लापरवाही भी सामने आ रही हैं
कोरोना से लड़ने के लिए केंद्र के साथ ही राज्य सरकारें दम भर रही हैं, लेकिन तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों के साथ कोरोना ने जैसे ही छोटे शहरों का रुख किया तो तैयारियां भी दम तोड़ने लगी हैं। शुक्रवार को ग़ाज़ीपुर में कोरोना पॉजिटिव का पहला मामला सामने आने के साथ ही लापरवाही भी सामने आ रही हैं। कोरोना पीड़ितों का इलाज करने वाले डॉक्टरों ने हाथ खड़े करने शुरू कर दिए हैं।
डॉक्टरों ने की एम 95 मास्क और ग्लव्स की मांग-
कोरोना से लड़ने के लिए सबसे बड़ा हथियार एम 95 मास्क और ग्लव्स माना जाता है। इलाज के दौरान डॉक्टरों के लिए ये दोनों बेहद जरूरी है, लेकिन गाजीपुर में ना तो पर्याप्त मात्रा में मास्क हैं और ना ही ग्लव्स है। एसीएमओ प्रगति कुमार ने मुख्य चिकित्साधिकारी को पत्र लिखकर कोरोना के इलाज के लिए आवश्यक सामानों की मांग की है। यही नहीं उन्होंने खुद को और एम्बुलेंस के ड्राइवर और अन्य स्टाफ को क्वाण्टाइन करने की अनुमति मांगी है।
ग़ाज़ीपुर में सामने आया था पहला मामला-
ग़ाज़ीपुर में शुक्रवार को कोरोना पॉजिटिव का पहला मामला सामने आया था। पीड़ित शख्स दिल्ली के निजामुद्दीन मरकज में शामिल होकर लौटा था। उसके साथ आधा दर्जन और लोग भी आये थे। जिला प्रशासन ने सभी को आइसोलेशन वार्ड में भर्ती किया है। सीएमओ को लिखे पत्र में डॉक्टर प्रगति कुमार ने लिखा है कि जमातियों की जांच के दौरान उन्होंने पर्याप्त सावधानी नहीं बरती। इस वजह से उन्होंने खुद को क्वाण्टाइन की मांग की है।
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