दिल्ली सरकार की परामर्श सेवा फ्रंटलाइन कर्मियों की मदद में विफल

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दिल्ली सरकार की मनोरोग टेली काउंसलिंग सेवा, ‘समर्थन’, उन डॉक्टरों, स्वास्थ्य देखभाल और फ्रंटलाइन कर्मियों के लिए है , जो कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में कड़ी मशक्कत कर रहे हैं, हालांकि इस सेवा में इन कर्मियों के फोन बहुत कम आ रहे हैं, और जिस उद्देश्य से इसे खोला गया, उसमें यह नाकाम साबित होती मालूम पड़ रही है।

नहीं मिली अच्छी प्रतिक्रिया…

टेली काउंसलिंग को लॉन्च होने के महीने भर के अंदर ही अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिली है। औसतन, परामर्श के लिए हेल्पलाइन सेवा पर कॉल करने वाले लोगों की संख्या एक दिन में एक से भी कम है।

तीस दिनों में, केवल 20 लोगों ने सेवा का उठाया लाभ

पिछले तीस दिनों में, केवल 20 लोगों ने सेवा का लाभ उठाया है। रिकॉर्ड के अनुसार, 12 डॉक्टर टेली-परामर्श प्रदान करने के लिए स्वेच्छा से काम कर रहे हैं। इसका मतलब यह है कि पूरे महीने में किसी काउंसलर ने दो कॉल भी अटेंड नहीं किया। अधिकारियों ने कहा कि हेल्पलाइन को मिली अपर्याप्त प्रतिक्रिया के पीछे कई कारक हैं। मानसिक तनाव में मदद पाने को लेकर इससे जुड़े समाजिक लांछन और इस परामर्श सेवा को सही से प्रचारित नहीं किया जाना भी लोगों के इसका लाभ नहीं उठा पाने की एक महत्वपूर्ण वजह है।

कोविड-19

सेवा 17 जून को ‘इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन बिहेवियर एंड अलाइड साइंसेज’ (आईएचबीएएस) के सहयोग से शुरू की गई थी। इसके अलावा, दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए), दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी), और दिल्ली साइकिएट्रिक सोसाइटी ने भी इसमें सहयोग किया है। सेवा को फ्रंटलाइन कर्मियों को तनाव और चिंता से निपटने में मदद करने के लिए शुरू किया गया था, क्योंकि कोरोनोवायरस महामारी उनके मानसिक स्वास्थ्य पर भारी पड़ रही है।

सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक हेल्पलाइन सेवा उपलब्ध

यह हेल्पलाइन सोमवार से शनिवार तक सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक उपलब्ध है। कॉलर 09868396802 या 09868396859 पर डायल कर सकते हैं।

आईएचबीएएस के निदेशक प्रोफेसर निमेश देसाई, जो टेली-काउंसलिंग सेवा का समन्वय कर रहे हैं, ने कहा कि फ्रंटलाइन कर्मियों को इस हेल्पलाइन के बारे में जानकारी नहीं है जसेस सेवा तक उनकी पहुंच नहीं हो पा रही है। उन्होंने कहा, “वे (फ्रंटलाइन वर्कर्स) नहीं जानते कि ऐसी कोई चीज मौजूद है। इस तरह के संकटपूर्ण समय में, उन्हें काउंसलिंग और सपोर्ट की जरूरत होती है, जिसका वे फायदा इसलिए नहीं उठा पा रहे, क्योंकि वे इस सेवा से अनजान है।”

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देसाई ने कहा कि अगर सरकार ने इस सेवा का और प्रचार करने की कोशिश की होती तो ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ उठा सकते।

डीएमए के अध्यक्ष डॉक्टर गिरीश त्यागी ने कहा कि उनका एसोसिएशन सरकार से संपर्क करेगा और टेली-काउंसलिंग सेवा के प्रचार के लिए अभियान शुरू करने का अनुरोध करेगा।

जहां पुलिस और पत्रकारों सहित सभी फ्रंटलाइन कर्मियों के लिए टेली-काउंसलिंग सेवा खुली है, लेकिन केवल स्वास्थ्य देखभाल कर्मी ही इसका लाभ उठा पाए हैं। डॉक्टरों ने कहा कि फोन करने वालों ने लंबे समय तक काम करने और मास्क और पीपीई किट की गुणवत्ता संबंधी मुद्दों और खुद के बीमारी के संपर्क में आने और फिर परिवार को ट्रांसिमट करने जैसे डर को साझा किया था।

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