IIM में बोले सीएम योगी- लक्ष्य हासिल करने के लिए टीमवर्क बेहद जरूरी

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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और उनके मंत्री भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम), लखनऊ में लीडरशिप डवलपमेंट प्रोग्राम ‘मंथन-2’ में हिस्सा ले रहे हैं। जिसको संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मंथन के पहले चरण में मंत्रियों के साथ बैठक में सुशासन का रोडमैप तैयार करने के लिए बैठक हुई थी और आज की कार्यशाला टीमवर्क के लिए हो रही है।

सीएम ने कहा –

इस दौरान उन्होंने कहा कि लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए टीमवर्क जरूरी है जिसके लिए यह बैठक हो रही है। उन्होंने कहा कि आईआईएम संस्थान के साथ मिलकर हम इस दिशा में काम कर सकते हैं। पहला चरण काफी सकारात्मक रहा।

खास बात है कि मंत्रियों के साथ प्रदेश के सीनियर आईएएस अफसरों को भी ट्रेनिंग दी जाएगी। जिसके लिए सभी अफसर मुख्यमंत्री के आवास पर पहुंच चुके हैं। जहां से वह बस द्वारा आईआईएम लखनऊ जाएंगे।

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मंथन का पहला चरण पहले हो चुका है 

मंथन का पहला चरण आठ सितंबर को आयोजित किया गया था। जिसमें मंत्रियों ने बेहतर विजन व कार्यशैली विकसित करने और निर्णयों को कुशल प्रबंधन के माध्यम से जमीन पर उतारने का पाठ पढ़ा था। आईआईएम के प्रोफेसरों ने मंत्रिमंडल के सदस्यों के सामने सवाल भी रखे थे।

मंत्रियों से प्राथमिकता निर्धारण, आर्थिक मामलों के अध्ययन के तरीकों और कुशल राजनीतिक नेतृत्व के बारे में भी विस्तार से विचार-विमर्श किया गया था। आईआईएम में पिछले रविवार को दिन भर कुल छह सेशन चले। 

विस्तार से हुई चर्चा 

पहला सत्र ‘प्राथमिकता निर्धारण के लिए सुगम पूर्वाभ्यास’ विषय पर था। इसके अलावा उत्तर प्रदेश का सामाजिक-आर्थिक संदर्भ, समूह परिचर्चा, प्राथमिकताओं पर प्रस्तुति व प्रतिभागियों के सवाल-जवाब, शीर्ष चार राज्यों से यूपी की तुलना, दृष्टि क्षेत्र विस्तार, नीतिपरक राजनीतिक नेतृत्व और भविष्य की दिशा पर भी विस्तार से चर्चा हुई।
सबसे खास बात यह रही कि मंत्रियों को कुल आठ समूहों में रखा गया। उसके बाद प्रदेश को आगे बढ़ाने, राजनीतिक विजन, अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय परिदृश्य पर उनकी राय भी जानी गई।
आईआईएम की ओर से अलग-अलग सत्रों में प्रो. अर्चना शुक्ला, प्रो. पुष्पेंद्र प्रियदर्शी, प्रो. निशांत उप्पल, प्रो. संजय सिंह और प्रो. सुशील कुमार ने मंत्रियों के साथ विचार साझा किए।

नेता में कल्पना शक्ति की अपार क्षमता जरूरी

इन प्रोफेसरों ने मंत्रियों को बताया कि लीडर में कल्पना शक्ति की अपार क्षमता होनी चाहिए। प्रो. सुशील कुमार ने जोर देते हुए कहा कि लीडर का पहला गुण विनम्रता होना चाहिए। वह अगर विनम्र होगा तो मातहत काम करने वाले लोग बिना झिझके उसके साथ अपने सुझाव साझा कर सकेंगे। इससे लीडर बेहतर परिणाम देने की स्थिति में होंगे।
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