भारत से युद्ध अंतिम उपाय, रूस जैसा चाहते हैं संबंध: चीनी विशेषज्ञ

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एक चीनी विशेषज्ञ ने कहा है कि भारत के साथ युद्ध की स्थिति तभी बनेगी जब और कोई विकल्प नहीं बचेगा। उन्होंने कहा है कि चीन-रूस संबंध की तरह चीन, भारत के साथ भी अपने संबंध को ‘रणनीतिक ऊंचाई’ पर देखना चाहता है।चीन के अग्रणी थिंक टैंक के रणनीतिकार ने हालांकि चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो बीजिंग मजबूती से अपनी सीमा की रक्षा करेगा।
अखंडता एवं मुख्य हितों के साथ कोई समझौता नहीं करेगा
चीनी समकालिक अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन संस्थान के उपाध्यक्ष युआन पेंग ने कहा कि डोकलाम जैसे मुद्दा दोबारा होने पर इसे जोरदार तरीके से निपटा जाएगा। युआन ने कहा कि बीजिंग अपनी संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता एवं मुख्य हितों के साथ कोई समझौता नहीं करेगा।
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उन्होंने कहा, ‘अंतिम उपाय जो हम देखते हैं वह संपूर्ण युद्ध है। दोनों पक्षों को यह समझना चाहिए कि हम युद्ध नहीं चाहते हैं और हम भारत-चीन संबंध को चीन-रूस के संबंध की तरह रणनीतिक ऊंचाई पर पहुंचाना चाहते हैं।’युआन ने कहा, ‘इन मुद्दों को द्विपक्षीय संबंधों को कठिनाई में डालने के स्थान पर अच्छे तरीके से संभालना चाहिए। हमें और विस्तृत प्रक्रिया व वार्ता की जरूरत है।’
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उन्होंने कहा, ‘यह संबंध चीन और रूस जैसे बड़े देशों के संबंध की तरह महत्वपूर्ण है। दोनों देश ब्रिक्स में लगातार वृद्धि करने वाले देश है। हम दोनों देशों को भाई की तरह बढ़ते देखना चाहते हैं।
मुद्दों पर समझौते का कोई रास्ता नहीं बचता है
युआन ने चीनी विदेश नीति पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान इस बारे में बात की। युआन ने कहा, ‘जब संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता एवं मुख्य हितों की बात आती है, तो हम हमेशा मजबूत रूख अख्तियार करते हैं, क्योंकि इन मुद्दों पर समझौते का कोई रास्ता नहीं बचता है।
(साभार – आजतक)
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