बीएसएनएल और एमटीएनएल का होगा विलय, वीआरएस की घोषणा

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केंद्रीय कैबिनेट की बैठक के बाद दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने घोषणा की कि सरकार न तो बीएसएनएल और एमटीएनएल को बंद करने जा रही है और न ही इनमें हिस्सेदारी घटाई जाएगी।

सरकार इसे बॉन्ड, संपत्ति मौद्रीकरण, 4जी स्पेक्ट्रम आवंटन और अन्य तरीकों से मदद देगी।

विलय का प्‍लान

भारत संचार नगर निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) और महानगर टेलिफोन निगम लिमिटेड (एमटीएनएल) को लेकर चल रही आशंकाओं को साफ करते हुए सरकार ने दोनों कंपनियों के विलय की घोषणा की है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को कैबिनेट ने इस पर मुहर लगा दी।

इसके अलावा कर्मचारियों के लिए वीआरएस स्कीम की भी घोषणा कर दी गई है।

  बीएसएनएल और एमटीएनएल को लेकर सरकार की सोच साफ

रविशंकर प्रसाद ने कहा, ‘ बीएसएनएल और एमटीएनएल को लेकर सरकार की सोच साफ है कि यह भारत का नीतिगत रूप से महत्वपूर्ण संपत्ति है।

बीएसएनएल और एमटीएनएल को न तो सरकार बेच रही है और न ही हिस्सा घटा रही है।

हम इसमें व्यावसायिकता लाने जा रहे हैं।’

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कंपनी को 4जी स्पेक्ट्रम दिया जाएगा।

अगले चार साल में 38 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति का मौद्रीकरण करने का भी फैसला किया गया है।

वीआरएस की घोषणा

केंद्रीय मंत्री ने कहा,हम लुभावना वीआरएस पैकेज लेकर आ रहे हैं।

कर्मचारी संगठनों ने भी इसकी सराहना की है।

अगर किसी कर्मचारी की उम्र 53 साल है तो 60 साल तक उसे 125 पर्सेंट वेतन मिलेगा। वीआरएस का मतलब है स्वेच्छा से न कि बलपूर्वक।

मर्जर तक सब्सिडियरी के रूप में काम

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि बीएसएनएल और एमटीएनएल का मर्जर होने में कुछ समय लगेगा।

तब तक एमटीएनएल, बीएसएनएल की सब्सिडियरी के रूप में काम करेगी।

इससे 2 साल बाद बीएसएनएल को मुनाफे में लाया जा सकेगा।

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