यूपी में एक और अपहरण-हत्या मामला: 13 दिन पहले अपहृत बृजेश का कुएं में मिला शव, मांगी गई थी 20 लाख की फिरौती

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उत्तर प्रदेश में बदमाशों के हौसले बुलंद हैं। बदमाश लगातार आपराधिक वारदातें कारित कर पुलिस प्रशासन को चुनौती दे रहे हैं। यूपी में बदमाशों ने एक और बड़ी वारदात को अंजाम दिया। करीब 15 दिनों में ही कानपुर नगर और गोरखपुर के बाद अब कानपुर देहात में अपहरण के बाद हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आया है। यूपी में अपहरण के बाद हत्या का क्रम लगातार जारी है।

अपहृत बृजेश पाल का कुएं मे मिला शव

जानकारी के मुताबिक, कानपुर देहात के भोगनीपुर से अपहृत बृजेश पाल का शव मंगलवार की शाम को दिन में कान्हाखेड़ा के एक सूखे कुएं से बरामद हुआ। शव मिलने के बाद से बृजेश के पिता, भाई, मां और बहन रो-रोकर बेहाल हैं।

माना जा रहा है कि संजीत अपहरण-हत्याकांड के जैसे ही इस मामले में बृजेश के दोस्त ने ही उसे अगवा किया और 20 लाख की फिरौती मांगी, जिसके बाद अपहरणकर्ता ने बृजेश की हत्या कर दी। इस मामले में पुलिस ने उसके दोस्त को पकड़ा, जिसके बाद हत्या कर शव फेंके जाने का खुलासा हुआ।

पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप

वहीं बृजेश के परिवार के लोग पुलिस पर लगातार लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे हैं। उनका मानना है कि पुलिस की ही लापरवाही के कारण बृजेश मौत के मुंह में चला गया।

15 जुलाई की रात हुआ था बृजेश का अपहरण

वहीं इस मामले की जानकारी देते हुए एसपी अनुराग वत्स ने बताया कि चौरा गांव निवासी बृजेश पाल हाइवे किनारे नेशनल धर्मकांटे पर काम करता था। 15 जुलाई की रात उसका अपहरण हो गया और अगले दिन बृजेश पाल के ही मोबाइल नंबर से घर पर अपहरणकर्ता ने 20 लाख की फिरौती मांगी और पांच दिन का समय दिया गया।

पुलिस मामले की जांच में जुटी रही, लेकिन उसे लोकेशन तक न पता चल सका। बृजेश के स्वजनों ने रिश्तेदारों से ही मारपीट का आरोप लगाया। वहीं मंगलवार को बृजेश के एक साथी को पुलिस ने मामले में दबोचा, जिसके बाद उसने हत्या कर शव फेंके जाने की बात बताई। जिसके बाद चौरा से करीब 6 किलोमीटर दूर कान्हाखेड़ा में कुएं में पुलिस व दमकल कर्मियों ने तलाशी अभियान चलाया और बृजेश का कई दिन पुराना शव कुएं से निकला। भाई बृजेश व चचेरे भाईयों ने शव की शिनाख्त बृजेश के रूप में की।

भाई राजेश ने लगाया पुलिस पर गंभीर आरोप

भाई राजेश का आरोप है कि पुलिस लगातार लापरवाही बरतती रही, जिसके चलते उनके भाई की जान चली गई। वहीं पुलिस ने अभी तक हत्या के कारण का खुलासा नहीं किया है।

दरअसल, कानपुर देहात में धर्मकांटा कर्मी बृजेश पाल का 13 दिन पहले अपहरण हो गया था। बृजेश के अपहरण के बाद 20 लाख की फिरौती की मांग की गई थी। फिरौती मांगने के बाद भी अपराधी धन मिलने का इंतजार करते रहे, जबकि देहात पुलिस अपहरणकर्ताओं को पकड़ने में नाकाम रही।

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‘पुलिस पर भरोसा नहीं, घर बेचकर देंगे फिरौती’

15 जुलाई को बृजेश पाल का अपहरण हुआ था और अगले दिन 20 लाख की फिरौती के लिए बृजेश पाल के ही मोबाइल नंबर से अपहर्ताओं ने फोन किया था। 12 दिन बाद भी बृजेश अपहरण कांड में पुलिस अपहरणकर्ताओं तक नहीं पहुंच सकी तो बृजेश के घरवालों ने कहा बेटे की सलामती के लिए घर, खेत व जेवर बेचकर वे 20 लाख फिरौती की रकम दे देंगे, बस बेटा लौट आए।

उन्होंने धर्मकांटा मालिक व उसके सहकर्मी पर शक जताते हुए कहा कि पुलिस ने उनसे कड़ाई से पूछताछ नहीं की। बहन आरती व पिता शिवनाथ ने बताया कि धर्मकांटा मालिक व उसके सहकर्मी से पुलिस ने कड़ाई से पूछताछ नहीं की, उन्हें इन लोगों पर भी शक है। घटना के बाद से लगातार दोनों बृजेश पाल के चरित्र पर सवाल उठाकर मामले को किसी और ही दिशा में ले जाना चाह रहे है। इसके अलावा सील हुए धर्मकांटा को भी अब खोल दिया गया है, यहां पर फॉरेंसिक जांच घटना के बाद कराई जानी थी, जिससे कोई फिंगर प्रिंट तो मिलते।

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