महागठबंधन से अटकी पूर्वांचल के बाहुबलियों की सांसें

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लोकसभा चुनाव के लिए सियासी बिसात बिछने लगी है। यूपी की सियासी पार्टियों ने भी इसके लिए तैयारी शुरु कर दी है। महागठबंधन की धुंधली तस्वीर अब धीरे-धीरे साफ होने लगी है। राजनीति गलियारे में जो चर्चा है उसके मुताबिक यूपी में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी के बीच गठबंधन लगभग पक्का हो गया है।

दोनों ही पार्टियां 37-37 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। हालांकि महागठबंधन को लेकर अभी कोई आधिकारिक ऐलान नहीं हुआ है। लेकिन इसके पहले ही पूर्वांचल के बाहुबलियों की सांसें अटकी हुई हैं। गठबंधन होने की सूरत में पूर्वांचल के लगभग आधा दर्जन बाहुबलियों सियासी हसरत का गला घोंटना पड़ सकता है।

मुख्तार अंसारी का परिवार पशोपेश में

पूर्वांचल के बड़े बाहुबलियों में मुख्तार अंसारी का नंबर सबसे पहले आता है। जरायम की दुनिया में जितना बड़ा नाम है, उतना ही सियासी दुनिया में भी इस परिवार का दखल रहा है। गाजीपुर के अलावा आसपास के जिलों में अंसारी परिवार का अच्छा खासा राजनीतिक रसूख रहा। यूपी और केंद्र में सत्ता किसी भी पार्टी की लेकिन वर्चस्व को चुनौती कोई नहीं दे पाता। फिलहाल मुख्तार अंसारी और उनका परिवार बीएसपी में है। मुख्तार खुद मऊ सदर सीट से विधायक हैं।

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जानकार बताते हैं कि मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल गाजीपुर लोकसभा सीट से चुनाव की तैयारियों में हैं। जबकि मुख्तार का बेटा अब्बास अंसारी घोसी में जोर अजामाइश कर रहा है। लेकिन महागठबंधन की सूरत में अंसारी परिवार सकते में है। परिवार के सदस्य चुनाव लड़ेंगे या नहीं इसे लेकर अब सस्पेंस छा गया है। सूत्र बताते हैं कि अखिलेश यादव अंसारी परिवार को पसंद नहीं करते हैं। अंसारी परिवार के कारण ही उनके परिवार में बिखराव आया। तो सवाल इस बात का है कि क्या अखिलेश अंसारी परिवार की दावेदारी को मंजूर करेंगे ।

विनीत सिंह के भी अरमान रह सकते हैं अधूरे

चंदौली के सैयदराजा सीट से बीएसपी के टिकट पर चुनाव लड़ चुके बाहुबली विनीत सिंह भी गठबंधन के बाद पशोपेश में हैं। विनीत सिंह पिछले एक साल से चुनाव की तैयारियों में लगे हुए हैं। चंदौली की जनता के हर सुख-दुख में भागी बनते चले आ रहे हैं। उनके समर्थक जोरशोर से प्रचार करने में लगे हैं। ऐसे में महागठबंधन बनने के बाद विनीत सिंह के अरमान अधूरे रह सकते हैं। महागठबंधन में चंदौली सीट किस पार्टी के खेमे में जाएगी, इसे लेकर सस्पेंस बना हुआ है।

ताल ठोक रहे हैं धनंजय सिंह

पूर्वांचल के बाहुलबलियों की श्रेणी में जौनपुर के धनंजय सिंह का नाम भी शुमार है। बीएसपी के पूर्व सांसद धनंजय सिंह पिछले विधानसभा चुनाव में निषाद पार्टी के टिकट पर जौनपुर के मल्हनी सीट से चुनाव लड़ चुके हैं।

हालांकि सपा के पारसनाथ यादव के हाथों उन्हें हार का सामना करना पड़ा। बावजूद इसके धनंजय सिंह का मनोबल नहीं टूटा है। धनंजय सिंह अब लोकसभा चुनाव की तैयारियों में हैं। अब पेंच फंसा है महागठबंधन को लेकर। सपा की सहयोगी निषाद पार्टी को महागठबंधन में कितनी तवज्जो मिलती है, इस पर धनंजय सिंह की दावेदारी टिकी है।

(रिपोर्ट- आशुतोष सिंह, वाराणसी)

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