‘निर्गुण’ सियासी धुन से अति पिछड़े-दलित पर भाजपा की नजर

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लोकसभा चुनावों को होने में अब कुछ महीने ही बचे हुए हैं ऐसे में सभी राजनीतिक दल वोटों को साधने के लिए जुट गए हैं. पिछले उपचुनावों में मिली हार के बाद बीजेपी होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए पूरी तरह से कमर कस चुकी है. यही वजह है कि अब भाजपा ऐसे वोटों पर नजर जमा चुकी है जो पिछले उपचुनावों में उससे बिदक गए थे. मतलब अति पिछड़े और दलित वोटों को साधने के लिए बीजेपी ने उनके बीच अपनी पैठ जमाने में लग गई है.

धर्म-जाति के नाम पर ध्रुवीकरण में माहिर है भाजपा

भाजपा के लिए ये कोई नई बात नहीं है जब वो वोटों के ध्रुवीकरण के लिए धर्म और जाति वाला कार्ड खेल रही है. इससे पहले भी भाजपा ने राम मंदिर से लेकर गंगा के नाम पर वोटों को अपनी तरफ खींचा है. लेकिन इस बार की रणनीति इन मुद्दों से हटकर अति पिछड़ों और दलितों पर जा रुकी है. इन्हें साधने के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से मोदी लहर को वापस लाने में भाजपा जुट गई है, यही वजह है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्वी यूपी के संतकबीर नगर के मगहर में रैली करने वाले हैं जिससे अति पिछड़ों को अपने पाले में खींचने की कोशिश करेंगे.

आस्था की ये सियासी गोलबंदी अब रुकने वाली नहीं है क्योंकि जिस तरह से यूपी विधानसभा चुनावों से पहले भाजपा ने धम्म यात्रा निकाल कर बुद्ध के मानने वाले दलित वर्ग को साधा था ठीक उसी लीक पर चलते हुए अब फिर से वोटों को अपनी तरफ खींचने की जुगत में लगी हुई है. दरअसल, 2014 और 2017 के चुनावों के बाद जो वोटर्स रुठ गया था उसे फिर से मनाने की कोशिश में भाजपा  डुट गई है.

28 जून को मगहर में कबीर अकादमी का पीएम मोदी करेंगे शिलान्यास

पीएम मोदी 28 जून को मगहर पहुंचकर कबीर अकादमी का शिलान्यास करेंगे. इसके साथ ही अक्तूबर में मोदी गौतमबुद्ध के महापरिनिर्वाण स्थल कुशीनगर में इंटरनेशल एयरपोर्ट का उद्घाटन भी करेंगे. गौतमबुद्ध के नाम पर दलितों को अपने पाले में खींचने की कोशिश करेंगे तो वहीं कबीर के नाम से अति पिछड़ों को साधेंगे. भाजपा के इस निर्गुण सियासी धुन से विपक्ष के महागठबंधन के ब्रम्हास्त्र की काट निकालने के साथ ही विरोधियों को धराशायी करने के लिए ऐसा कर रही है.

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कबीर दास को मानने वाले देश के कोने कोने में बसे हुए हैं, इसके साथ ही मोदी के मगहर जाने के पीछे जो गणित है वो ये है कि उसी दिन 28 जून को कबीरपंथी संत मधुप महाराज का बहुत बड़ा समागम होने वाला है ऐसे में जो भीड़ समागम में आएगी उसपर भी मोदी इम्पैक्ट डालने की कोशिश होगी क्योंकि पीएम मोदी भी उस समागम के हिस्सा बनेंगे.

पलायन मुद्दे से भाजपा को मिला था फायदा

2016 में उत्तर प्रदेश के कैराना में भाजाप के तत्कालीन सांसद हुकुम सिंह ने पलायन का मुद्दा जोरशोर के साथ उठाया था भाजपा के इस मुद्दे का सीधा असर 2017 के विधानसभा चुनावों में दिखाई दिया. भाजपा के इस हिंदुत्व कार्ड ने सभी पार्टियों को कैराना में धराशायी कर दिया था.

ब्रज-अयोध्या से आस्था पर चोट

कृष्ण की नगरी में योगी का होली खेलना और राम की नगरी अयोध्या में देव दीपावली से हिंदुत्व के खेमें में योगी और मोदी का वर्चस्व बढ़ाने की कोशिश कर रही है. ब्रज में जहां एक तरफ योदी ने होली खेलकर हिंदुत्व का संदेश दिया है तो दूसरी तरफ अयोध्या में देव दीपावली का भव्य आयोजन करके पूरे विश्व में डंका बजाया है. अयोध्या में 337 करोड़ रुपये की योजनाओं पर काम शुरू करने के साथ ‘नव्य अयोध्या’ के प्रस्ताव पर काम शुरू हो गया है।

अयोध्या विकास परिषद के गठन की भी कवायद चल रही है। राम मंदिर के पहले सरयू तट पर 108 मीटर ऊंची भगवान राम की प्रतिमा बनवाने की योजना भी आगे बढ़ चुकी है। अगर मथुरा की बात करें तो ब्रज विकास परिषद के गठन के साथ गोवर्धन परिक्रमा मार्ग के विकास सहित हजारों करोड़ रुपए की योजनाओं के जरिए मथुरा-वृंदावन की रंगत बदली जा रही है। जिसका फायदा बीजेपी को आने वाले लोकसभा चुनावों में मिल सकता है.

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