‘गब्बर सिंह चालान’: भाजपा शासित प्रदेशों ने की ‘नया ट्रैफिक कानून’ पर बगावत

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देश भर में लागू ‘नए मोटर व्हीकल एक्ट’ से केंद्र सरकार की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। दरअसल, 1 सितंबर से लागू हुए कानून के तहत हजारों की राशि के चालान कटे, लेकिन कई राज्य सरकारें इससे सतर्क हो गई हैं। कई राज्य सरकारों ने कानून में संशोधन कर जुर्माना राशि को ही घटा दिया। गौरतलब है कि इन राज्यों की लिस्ट में भारतीय जनता पार्टी के राज्य ही अव्वल रहे।

जुर्माना राशि बढ़ने से चुनाव की चिंता में सरकारें:

बता दें कि केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के इस नए कानून के तहत जुर्माना राशि 1000 से बढ़कर 5 हजार या 10 हजार रुपये तक बढ़ा दी गई। नया कानून लागू हुआ तो 25 हजार, 50 हजार तक के चालान की खबरें आने लगीं और इस नियम को ‘गब्बर सिंह चालान’ का नाम तक मिल गया। आलोचनाएँ तक शुरू हो गयीं।

इसके बाद खुद भाजपा शासित प्रदेश गुजरात में के सीएम विजय रूपाणी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में जुर्माना राशि में कटौती का ऐलान कर दिया और कई जुर्मानों में राशि को 90 फीसदी तक घटा दिया। इसके बाद कई अन्य राज्यों ने भी गुजरात के नक्शेकदम पर बड़ी चालान राशि में कटौती की। खास बात ये है कि ये तीनों ही राज्य भाजपा शासित प्रदेश हैं।

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गुजरात के बाद महाराष्ट्र, झारखंड और हरियाणा सब इसी राह पर चल पड़े और अपने अपने स्तर पर चालान में फेर बदल कर रहे हैं। इस राज्यों में तो चुनाव है, जिसके कारण सरकारों को वोटों के प्रभावित होने की चिंता है लेकिन उतराखंड और कर्नाटक भी इसी क्षेणी में आ गये। उत्तराखंड ने तो 90 फीसदी जुर्माना राशि कम करने का ऐलान भी कर दिया।

इन राज्यों ने ट्रैफिक जुर्माना राशि में फेरबदल:

गुजरात, महाराष्ट्र, झारखंड (विचार), उत्तराखंड, हरियाणा (जागरूकता अभियान), कर्नाटक (विचार), उत्तर प्रदेश (अभी लागू नहीं), पश्चिम बंगाल (विरोध)

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