यहां के तो भीखारी भी है डिजिटल, ई वॉलेट का करते है प्रयोग

0

भारत में पिछले कुछ सालों में डिजिटल इंडिया, कैशलेस ट्रांजैक्शन की खूब बातें हो रही हैं। लेकिन इस मामले में चीन काफी आगे बढ़ चुका है। चीन कितना आगे बढ़ा है, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि वहां के भिखारी (Beggars) भी क्यूआर कोड और ई-वॉलेट का इस्तेमाल कर रहे हैं।

जो डिजिटल पेमेंट या क्यूआर कोड सिस्टम से लैस होते हैं

खबरों के मुताबिक चीन के भिखारी मोबाइल पेमेंट जैसी डिजिटल प्रणाली का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं, क्योंकि इससे उनको भीख ज्यादा मिल रही है। चीन के पर्यटन स्थलों और सबवे स्टेशनों के आसपास ऐसे तमाम भिखारी देखे जा सकते हैं, जो डिजिटल पेमेंट या क्यूआर कोड सिस्टम से लैस होते हैं।

Also Read :  अखिलेश ‘होटल’ तो मुलायम सिंह चलाएंगे लाइब्रेरी

असल में डिजिटल पेमेंट होने का एक फायदा यह है कि जिन लोगों के पास खुले नहीं होते वे भी भीख दे सकते हैं। फुटकर का चक्कर न होने की वजह से भिखारियों को ज्यादा भीख मिलती है। कोई यह बहाना नहीं बना पाता कि छुट्टे नहीं है।

कटोरे में क्यूआर कोड का प्रिंटआउट होता है

चीन में अब ऐसे बहुत से भिखारी देखे जा रहे हैं, जिनके कटोरे में क्यूआर कोड का प्रिंटआउट होता है। भिखारी लोगों से यह अनुरोध करते हैं कि वे अलीबाबा ग्रुप के अलीपे या टैन्सेंट के वीचैट वॉलेट के माध्यम से इन कोड को स्कैन कर उन्हें भीख दें।साभार

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More