मोबाइल बैंकिंग करने वाले हो जायेंं सावधान!

सरकार ने बैंकिंग वायरस को लेकर जारी किया अलर्ट

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कोरोना के साथ-साथ आपको अपने मोबाइल में आने वाले वायरस को लेकर भी सतर्क रहने की जरूरत है। सरकार की ओर जारी चेतावनी में कहा गया है कि एक मोबाइल मैलवेयर ईवनबोट काफी तेजी से फैल रहा है जो कि लोगों की Banking से जुड़ी जानकारियों को चोरी कर रहा है।

सीईआरटी-इन ने एडवाइजरी जारी की

भारतीय कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम सीईआरटी-इन ने एक एडवाइजरी जारी की है जिसके मुताबिक माइक्रोसॉफ्ट वर्ड, एडोबी फ्लैश और अन्य थर्ड पार्टी एप्स के जरिए मोबाइल ट्रोजन फोन में पहुंच रहा है। ट्रोजन एक वायरस या मैलवेयर है जो किसी Banking यूजर्स को चुपके से शिकार बनाता है।

यूजर्स के मैसेज पढ़ता है

एडवाइजरी में कहा गया है कि इवनबाट नाम का नया वायरस काफी तेजी से फैल रहा है। यह एक मोबाइल Banking ट्रोजन है जो कि लोगों के फोन में मौजूद Banking जानकारी को चुराने में माहिर है। यह यूजर्स के मैसेज को पढ़ता है। इसके अलावा टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन को भी बायपास करता है।

यूरोप लोगों का बना रहा है शिकार

200 से अधिक एप को बना चुका है शिकार
इवनबाट ने हाल ही में अमेरिका और यूरोप क्षेत्र में स्थित Banking एप्स, मनी-ट्रांसफर सेवाओं, और क्रिप्टोक्यूरेंसी वॉलेट सहित 200 से अधिक वित्तीय एप को निशाना बनाया है। इसका अगला शिकार भारतीय यूजर्स हो सकते हैं।

सीईआरटी ने कहा है कि यह वायरस बार्कलेज, यूनीक्रेडिट, कैपिटलऑन यूके, एचएसबीसी यूके, ट्रांसफर वाइज, पेपल, कॉइनबेस, पेसेफकार्ड आदि एप्स को निशाना बनाता है, हालांकि एजेंसी ने यह भी कहा है कि इवनबोट को अभी तक गूगल प्ले-स्टोर पर नहीं देखा गया है। यह वास्तिवक एप के जरिए ही फोन में पहुंच रहा है।

डाटा आदि को कंट्रोल करने लगता है

एक बार फोन में इंस्टॉल हो जाने के बाद यह एप एंड्रॉयड डिवाइस की स्टोरेज, मैसेज, इंटरनेट, प्रोसेसर स्पीड, स्क्रीन टाइम, बैकग्राउंड में डाटा आदि को कंट्रोल करने लगता है। बाद में यह एप यूजर्स से सभी तरह की परमिशन ले लेता है। यह फोन के पैटर्न लॉक और पिन को पढ़ने में भी माहिर है।

थर्ड पार्टी स्टोर से एप डाउनलोड न करें

इस वायरस से बचने के लिए किसी भी थर्ड पार्टी स्टोर से एप डाउनलोड न करें। अपडेटेड एंटीवायरस फोन में इंस्टॉल करें। गूगल प्ले-स्टोर से एप डाउनलोड करते समय भी एप के बारे में जानकारी लें। उसकी डाउनलोड संख्या और रेटिंग भी चेक करें।

फोन में यदि कोई ऐसा एप दिख रहा जिसे आपने इंस्टॉल नहीं किया है तो उसे तुरंत डिलीट करें और संभव हो तो फोन को तुरंत फॉर्मेट करें। बता दें कि कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम ऑफ इंडिया (सीईआरटी-इन) साइबर हमलों का मुकाबला करने और भारतीय साइबर स्पेस की रक्षा करने के लिए राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी शाखा है।

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