कभी कोई झुठला नहीं पाएगा राम मंदिर का इतिहास, इतना अहम है ‘टाइम कैप्सूल’ !
अयोध्या में राम मंदिर की नींव में सैकड़ों फीट नीचे एक टाइम कैप्सूल डाला जाएगा। कैप्सूल कुछ सदियों के बाद एक ऐतिहासिक दस्तावेज के रूप में जाना जाएगा। इसे काल पत्र भी कहा जाता है।
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सैकड़ों फीट नीचे डाला जाएगा टाइम कैप्सूल-
टाइम कैप्सूल को एक ऐसे ऐतिहासिक महत्व के दस्तावेज के रूप में जाना जाता है, जिसमें किसी काल की सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक स्थिति का उल्लेख हो। भारत में पहले भी ऐसे टाइम कैप्सूल ऐतिहासिक महत्व की इमारतों की नींव में डाले जा चुके हैं।
इस काल पत्र में जो जानकारी डाली जाएगी, उसे ताम्र पत्र पर लिखकर डाला जाएगा। कहीं भी टाइम कैप्सूल डालने का मकसद इतिहास को सुरक्षित रखना होता है। ताकि भविष्य में लोगों को इसके बारे में पूरी जानकारी मिल सके।
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क्या होता है टाइम कैप्सूल-
टाइम कैप्सूल एक कंटेनर की तरह होता है जिसे विशिष्ट सामग्री से बनाया जाता है। टाइम कैप्सूल हर तरह के मौसम का सामना करने में सक्षम होता है, उसे जमीन के अंदर काफी गहराई में दफनाया जाता है।
काफी गहराई में होने के बावजूद भी हजारों साल तक न तो उसको कोई नुकसान पहुंचता है और न ही वह सड़ता-गलता है।
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