कभी कोई झुठला नहीं पाएगा राम मंदिर का इतिहास, इतना अहम है ‘टाइम कैप्सूल’ !

0

अयोध्या में राम मंदिर की नींव में सैकड़ों फीट नीचे एक टाइम कैप्सूल डाला जाएगा। कैप्सूल कुछ सदियों के बाद एक ऐतिहासिक दस्तावेज के रूप में जाना जाएगा। इसे काल पत्र भी कहा जाता है।

यह भी पढ़ें: कदमों की गिनती से लिया था मंदिर का नाप, कौन हैं भव्य राम मंदिर के आर्किटेक्ट ?

सैकड़ों फीट नीचे डाला जाएगा टाइम कैप्सूल-

time capsule

टाइम कैप्सूल को एक ऐसे ऐतिहासिक महत्व के दस्तावेज के रूप में जाना जाता है, जिसमें किसी काल की सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक स्थिति का उल्लेख हो। भारत में पहले भी ऐसे टाइम कैप्सूल ऐतिहासिक महत्व की इमारतों की नींव में डाले जा चुके हैं।

इस काल पत्र में जो जानकारी डाली जाएगी, उसे ताम्र पत्र पर लिखकर डाला जाएगा। कहीं भी टाइम कैप्सूल डालने का मकसद इतिहास को सुरक्षित रखना होता है। ताकि भविष्य में लोगों को इसके बारे में पूरी जानकारी मिल सके।

यह भी पढ़ें: यहां होगा विश्व के सबसे बड़े मंदिर-मस्जिद का निर्माण

क्या होता है टाइम कैप्सूल-

time capsule

टाइम कैप्सूल एक कंटेनर की तरह होता है जिसे विशिष्ट सामग्री से बनाया जाता है। टाइम कैप्सूल हर तरह के मौसम का सामना करने में सक्षम होता है, उसे जमीन के अंदर काफी गहराई में दफनाया जाता है।

काफी गहराई में होने के बावजूद भी हजारों साल तक न तो उसको कोई नुकसान पहुंचता है और न ही वह सड़ता-गलता है।

यह भी पढ़ें: योगी ने राम मंदिर के लिए हर परिवार से 11 रुपये, ईंट मांगे

[better-ads type=”banner” banner=”104009″ campaign=”none” count=”2″ columns=”1″ orderby=”rand” order=”ASC” align=”center” show-caption=”1″][/better-ads]

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं। अगर आप हेलो एप्पडेलीहंट या शेयरचैट इस्तेमाल करते हैं तो हमसे जुड़ें।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More