असम: नागरिकता बिल का विरोध करने वाले दो प्रदर्शनकारियों की मौत

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नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद से पूरे उत्तर पूर्वी राज्यों में तनाव की स्थिति है। गुवाहाटी में बिल के विरोध में प्रदर्शन करने वाले दो लोगों को गोली लगी थी, जिनकी गुरुवार शाम को मौत हो गई। गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज ने इसकी पुष्टि की है।

चौथे दिन भी उग्र प्रदर्शन जारी

नागरिकता संशोधन बिल (कैब) के विरोध में नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में गुरुवार को लगातार चौथे दिन भी उग्र प्रदर्शन जारी है। सबसे ज्यादा प्रभावित असम और त्रिपुरा हैं। असम में हालात इतने बेकाबू हो गए कि वहां 10 जिलों में कर्फ्यू लगाना पड़ा। हालांकि, राज्य की राजधानी गुवाहाटी में ही प्रदर्शनकारियों ने कर्फ्यू तोड़ दिया। यहां आगजनी और तोड़फोड़ की गई।

असम, मणिपुर, त्रिपुरा, मिजोरम, अरुणाचल और मेघालय में सोमवार से जारी आंदोलन की बागडोर मंगलवार को नॉर्थ ईस्ट स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन (नेसो) ने अपने हाथ में ले ली। आंदोलन को 30 छात्र संगठनों और वाम दलों का समर्थन मिल रहा है। इस बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं नॉर्थ ईस्ट के लोगों को भरोसा दिलाना चाहता हूं कि कोई भी आपके अधिकारों, विशिष्ट पहचान और संस्कृति को नहीं छीन सकता। यह हमेशा फलती-फूलती और विकसित होती रहेगी।

विरोध करने वाले दो प्रदर्शनकारियों की गोली लगने से मौत, अस्पताल ने की पुष्टि

सीएम सर्बानंद सोनोवाल ने विडियो मेसेज जारी कर लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की
सीएम ने कहा कि प्रदेश के लोगों के अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है सरकार
मेघालय में भी अगले 48 घंटे के लिए इंटरनेट और एसएमएस सर्विस बंद की गई है

उत्तर पूर्वी राज्यों में तनाव की स्थिति

नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद से पूरे उत्तर पूर्वी राज्यों में तनाव की स्थिति है। गुवाहाटी में बिल के विरोध में प्रदर्शन करने वाले दो लोगों को गोली लगी थी, जिनकी गुरुवार शाम को मौत हो गई। गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज ने इसकी पुष्टि की है। वहीं असम के मुख्यमंत्री ने प्रदेश के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि स्थानीय लोगों के अधिकारों को आंच नहीं आने दी जाएगी।

सोनोवाल ने विडियो जारी कर लोगों से अपील की

असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने एक विडियो जारी कर राज्य के लोगों से अपील की है कि उन्हें नागरिकता संशोधन बिल को लेकर अपनी परंपरा, संस्कृति, भाषा, राजनीतिक और जमीनी अधिकारों को लेकर कतई भी चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि असम अकॉर्ड की धारा 6 के तहत उनके अधिकारों की रक्षा की जाएगी।

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मुख्यमंत्री ने कहा, ‘कुछ लोग प्रदेश के लोगों को गुमराह करने और स्थिति को बिगाड़ने के लिए भ्रामक बयान दे रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि रिटायर्ड जस्टिस बिप्लब सरमाह के नेतृत्व में एक कमिटी बनाई है। रिटायर्ड जस्टिस सरमाह को ही असम के लोगों के संवैधानिक सुरक्षा मुहैया कराने के लिए सिफरिशें तैयार करने का काम दिया गया था।

मुख्य मंत्री ने कहा कि केंद्र ने बेहद स्पष्ट तौर पर कहा है कि धारा 6 के तहत प्रदेश के लोगों के अधिकारों के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी। मुख्य मंत्री ने कहा कि रिटायर्ड जस्टिस बिप्लब सरमाह के नेतृत्व में काम करने वाली कमिटी जल्द अपनी सिफारिशें देगी और सरकार उन सिफारिशों को तुरंत लागू करेगी। मुझे लगता है कि असम के लोगों के अधिकारों की रक्षा पूरी तरह होगी।

मेघालय में भी इंटरनेट बंद

असम की तरह अब मेघालय में भी इंटरनेट और एसएमएस सर्विस पर रोक लगा दी गई है। यह रोक अगले 48 घंटे तक लागू रहेगी। सरकार ने तनाव को लेकर फैल रही अफवाहों पर लगाम लगाने के लिए यह कदम उठाया है।

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