अमरीश पुरी जिसने ‘विलेन’ शब्द को दिया नया मुकाम

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रौबदार आवाज, लंबा चौड़ा कद, डरावना गेटअप और जबरदस्त शख्सियत बस इतनी पहचान काफी है यह बताने के लिए की यहां अमरीश पुरी की बात हो रही है।

‘मोगैंबो खुश हुआ’ और ‘जा सिमरान जा’ ये वो डॉयलाग है जिससे आज भी अपने फैंस के दिलों में जिंदा हैं अमरीश पुरी।

आज बॉलीवुड के सबसे सुपरहिट खलनायक अमरीश पुरी की 87वीं जयंती है। इस खास मौके पर गूगल ने डूडल बनाकर उन्हें याद किया है। अमरीश पुरी का जन्म 22 जून 1932 को पंजाब के नवांशहर में हुआ था।

 

इस खास मौके पर जानते है अमरेश पुरी के बारे में कुछ खास बातें-

 

अमरीश पुरी अपने पहले स्क्रीन टेस्ट में फेल हो गए थे।

एम्प्लाइज स्टेट इंश्योरेंस कारपोरेशन मिनिस्ट्री ऑफ लेबर एंड एंप्लॉयमेंट में नौकरी करने लगे थे।

नौकरी के साथ ही उन्होंने पृथ्वी थिएटर में नाटक करने शुरू कर दिए थे। वे रंगमंच के दिग्गज बन चुके थे।

1979 में संगीत नाटक एकेडमी के पुरस्कार ने उन्हें नवाजा गया था।

रंगमंच की इस पहचान ने उन्हें पहले टीवी की दुनिया और फिर सिनेमा जगत में आगे बढ़ने का मौका दिया।

करीब 40 की उम्र में उनका फिल्मी करियर परवान चढ़ा।

1980 की सुरपहिट फिल्म ‘हम पांच’ से उन्हें पहचान मिली। फिल्म में उन्होंने विलेन का रोल निभाया था।

1980 में सुभाष घई की फिल्म ‘विधाता’ में उनका विलेन का रोल काफी पॉपुलर हुआ था।

अमरीश पुरी ने करीब 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था।

12 जनवरी 2005 में कैंसर की वजह से उनका निधन हो गया था।

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