अमित शाह को 2024 में प्रधानमंत्री बनाने की तैयारी!!

0

आशीष बागची

लखनऊ के सांसद और केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह को आठ में से मात्र दो केंद्रीय समितियों में स्‍थान मिलना साबित करता है कि प्रधानमंत्री की रेस से उन्‍हें बाहर का रास्‍ता दिखाया जाना शुरू हो चुका है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को सभी आठ सर्वोच्‍च केंद्रीय समितियों में स्‍थान मिलने से संकेत साफ है कि अब अमित शाह ही अगले प्रधानमंत्री होंगे।

यूपी से अब कोई पीएम नहीं बनेगा क्‍योंकि अमित शाह गुजरात के गांधीनगर से चुनाव लड़ते हैं। इसमें बदलाव तभी संभव है जब अमित शाह को 2024 में वाराणसी में नरेंद्र मोदी द्वारा खाली की जाने वाले सीट से ही लड़ाया जाये। हो सकता है कि ऐसा ही हो और नरेंद्र मोदी बनारस की सीट से अमित शाह का नाम प्रस्‍तावित कर दें। 2024 में मोदी लगभग 73 साल के हो जायेंगे और भाजपा के नये नियम के अनुसार 75 साल की उम्र पार करने के बाद कोई भी चुनाव नहीं लड़ सकता है।

संकेत साफ हैं शाह अगले पीएम-

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आर्थिक उन्नति, निवेश और रोजगार निर्माण को लेकर बुधवार को दो नई कैबिनेट समितियां बनाईं। इसके अलावा सरकार ने आठ अहम कैबिनेट समितियों का भी पुनर्गठन किया। इनमें नियुक्ति, आवास, सुरक्षा, संसदीय, राजनीतिक, निवेश और वृद्धि, रोजगार और स्किल डेवलपमेंट और आर्थिक मामलों से जुड़ी समितियां शामिल हैं। खास बात यह है कि गृह मंत्री अमित शाह को इन सभी में स्थान मिला है। नरेंद्र मोदी 6, निर्मला सीतारमण 7, पीयूष गोयल 5 और राजनाथ सिंह को सिर्फ 2 समितियों में जगह मिली है। इससे पता चलता है कि राजनाथ सिंह को धीरे-धीरे किनारे किया जाने लगा है। 2024 के लोकसभा चुनावों में उन्‍हें शायद ही टिकट मिले क्‍योंकि उनकी उम्र भी लगभग 73 की हो जायेगी।

जदयू के मामले से सामने आया शाह का जलवा-

बीते दिनों जब केंद्रीय मंत्रिमंडल का गठन किया जा रहा था, उस समय मंत्रिमंडल में सहयोगी दलों के प्रमुखों को बुलाकर मंत्रिपद की बाद अमित शाह ने ही सभी से की थी। अमित शाह से बात के बाद ही बिहार के मुख्‍यमंत्री नीतीश कुमार बिफर गये थे और केंद्रीय मंत्रिमंडल में जदयू को शामिल करने से इन्‍कार कर दिया था। इसके तुरंत बाद नीतीश ने अपने मंत्रिमंडल का जो विस्‍तार किया उसमें सिर्फ और सिर्फ जदयू के लोगों को ही शामिल किया। भाजपा के एक भी मंत्री को नहीं लिया।

पूरे पांच साल रहेगा अमित शाह का जलवा-

जदयू की राह पर चलकर अपना दल भी मंत्रिमंडल में शामिल नहीं हुआ। दल प्रमुख अनुप्रिया पटेल भी दिल्‍ली में आयोजित मंत्रिमंडल के शपथग्रहण समारोह में दूर-दूर ही दिखीं। जिस तरह पूरे मंत्रिमंडल के गठन में अमित शाह की भूमिका रही उससे तो संकेत यही मिलता है कि उन्‍हें अगला प्रधानमंत्री बनाने की प्रक्रिया की शुरूआत 2019 से ही हो चुकी है।

चुनाव के पहले से ही शुरूआत-

2019 के चुनाव की शुरूआत से ही यह साफ हो चुका है कि लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा अपना नया अध्यक्ष चुनेगी और पार्टी में अमित शाह की भूमिका बदल जाएगी।

गांधीनगर से दिखानी शुरू की ताकत-

दरअसल गांधीनगर सीट से लोकसभा चुनाव के लिए पर्चा भरने के समय से ही ताकत आजमाइश का दिखावा शुरू हो चुका है। लोगों का तो यहां तक कहना है कि उस समय पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने भारतीय जनता पार्टी का नहीं अपनी ताकत का शक्ति प्रदर्शन किया था। उनके नामांकन के मौके पर केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह स्‍वयं मौजूद थे। बिहार से रामविलास पासवान, महाराष्ट्र से नितिन गडकरी दिल्ली से अरुण जेटली के अलावा शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी अमित शाह की तारीफ करते दिखे थे।

पार्टी की सूची में भी अमित शाह दूसरे नंबर पर थे-

यही नहीं इस बार जब भाजपा ने उम्मीदवारों के नाम की घोषणा की तब भी प्रधानमंत्री का नाम पहले नंबर पर, अमित शाह का दूसरे और राजनाथ सिंह का और नितिन गडकरी का तीसरे और चौथे नंबर पर लिया गया था। उस समय अनेक लोगों को लगा था कि यह एक उम्मीदवारों की लिस्ट मात्र है, लेकिन जो लोग मोदी-शाह युती की कार्यशैली को जानते हैं वे मानते हैं कि उम्मीदवारों की पहली लिस्ट के साथ ही यह भाजपा में नेताओं की पोजीशन की भी सूची थी। अमित शाह अब अपनी इस नंबर दो की पोजिशन को आगे बढ़ाना चाहते हैं।

अब जबकि केंद्रीय समितियों की घोषणा हो चुकी है, मोदी-अमित शाह की कार्यशैली सामने आ रही है। संकेत साफ है कि अमित शाह ही अगले प्रधानमंत्री की दौड़ में सबसे आगे कर दिये गये हैं। एक साक्षात्कार में नरेंद्र मोदी ने पहले ही साफ कर दिया है कि 2019 में तो कोई स्थान खाली नहीं है, लेकिन 2024 में कोई नया चेहरा आ सकता है। जाहिर है यह चेहरा अमित शाह ही हो सकता है।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More