नाराज चल रहे रहे राजभर को ‘शाह के दरबार’ में बुलावा

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भारतीय जनता पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अमित शाह ने पार्टी से नाराज चल रहे सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और उत्‍तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर को मुलाकात के लिए दिल्‍ली बुलाया है। इससे पहले राजभर ने सोमवार को कहा था कि यदि उनसे अमित शाह ने बात नहीं की तो उनकी पार्टी राज्‍यसभा चुनाव का बहिष्‍कार करेगी।

यूपी उपचुनाव में हार के बाद राजभर के इस बयान ने राज्यसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी की परेशानी बढ़ा दी है। योगी सरकार में कैबिनेट मंत्री राजभर ने कहा है कि राज्यसभा के चुनाव में उनकी पार्टी बीजेपी उम्मीदवार के पक्ष में ही मतदान करेगी, इस संबंध में अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। राजभर ने कहा कि यदि बीजेपी अध्यक्ष ने उनसे बात नहीं की तो उनकी पार्टी राज्य सभा चुनाव का बहिष्कार करेगी।बताया जा रहा है कि बीजेपी नेता और मंत्री सुरेश खन्ना को राजभर को मनाने का जिम्मा सौंपा गया है।

‘हमसे न तो बीजेपी ने सम्पर्क किया है और न ही विपक्ष ने

हालांकि यह भी कहा जा रहा है कि राजभर इस मामले में अमित शाह के अलावा किसी और से बात करने को तैयार नहीं है। बीजेपी नेताओं पर पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि 325 सीटों के नशे में ये लोग पागल होकर घूम रहे हैं। राजभर ने कहा, ‘हमसे न तो बीजेपी ने सम्पर्क किया है और न ही विपक्ष ने। इसलिए हमने विकल्प खुले रखे हैं।

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हम बीजेपी नहीं है, बल्कि अलग पार्टी हैं। गठबंधन धर्म के तहत बीजेपी ने न उम्मीदवार तय करते वक्त हमसे पूछा और न ही नामांकन के लिए बुलाया। ये लोग कहते कुछ और हैं…करते कुछ और हैं। संगठन से लेकर सरकार तक के किसी कार्यक्रम में हमें पूछा नहीं जाता, न ही राय ली जाती है। गठबंधन में हम क्या केवल हाजिरी देने के लिए हैं? इसलिए हम आंख मूंद कर हर फैसले के साथ नहीं खड़े हो सकते।’

सरकार में कथित उपेक्षा पर उन्होंने कहा, ‘हमलोग सरकार और एनडीए का हिस्सा हैं, लेकिन बीजेपी गठबंधन धर्म का पालन नहीं कर रही है। मैं अपनी बात सबके सामने रख रहा हूं, लेकिन ये लोग 325 सीटों के नशे में पागल होकर घूम रहे हैं। सरकार (यूपी) सरकार का फोकस केवल मंदिरों पर है, गरीबों के कल्याण पर नहीं। हम कैसे भूल जाएं कि विधानसभा चुनाव में गरीबों ने हमें वोट दिए थे।

तो वे सार्वजनिक रूप से बोलने के बजाय कैबिनेट के सामने रखें

आजकल बात तो खूब हो रही है, लेकिन जमीनी स्तर पर इसका कोई असर नहीं दिखता।’ राजभर के बगावती तेवर पर यूपी के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा था, ‘राजभर जी मंत्री हैं और हमारे सहयोगी भी। यदि उन्हें कोई समस्या है तो वे सार्वजनिक रूप से बोलने के बजाय कैबिनेट के सामने रखें। आप सरकार का हिस्सा होकर इस तरह का व्यवहार नहीं कर सकते हैं। दोनों साथ-साथ नहीं चलेगा।’

गौरतलब है कि यूपी में नौवें उम्मीदवार के लिए बीजेपी के पास सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के चार विधायकों समेत 28 वोट हैं। जीतने के लिए 37 वोट चाहिए। अभी पार्टी को 9 वोटों की व्यवस्था करनी है। राजभर अगर साथ नहीं देते तो बीजेपी के पास 24 विधायक ही रह जाएंगे। इससे बीएसपी उम्मीदवार आसानी से जीत जाएगा।

NBT

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