हर दल-दायरें से आजाद ‘अमर सिंह’ राजनीति में इसलिए हैं ख़ास

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खुद किसी राजनीतिक दायरें में बंधे बिना बॉलीवुड सेलेब्स को सियायत में लाने वाले अमर सिंह का आज जन्मदिन है। 27 जनवरी 1956 को आजमगढ़ में जन्मे अमर सिंह वो शख्सियत हैं जो अपनी बेबाकी और मुंह फट स्वभाव की वजह से जाने जाते हैं, उनकी दोस्ती और दुश्मनी के किस्से राजनीती और बॉलीवुड में ही नहीं आम लोगों के जुबान पर हमेशा चर्चा में रहते हैं।

मुलायम के ख़ास रहे अमर को मिला होमब्रेकर का टैग:

बता दें कि अमर सिंह को मुलायम सिंह यादव का बेहद करीब और यादव परिवार का सदस्य माना जाता था, लेकिन एक समय ऐसा भी आया जब उनपर होम ब्रेकर का टैग लग गया। यादव परिवार में बाप बेटे और चाचा को भिड़ाने का श्रेय भी अमर को दिया जा चुका है । वहीं सपा की सियासत में कभी अच्छा खासा प्रभाव रखने वाले अमर सिंह इन दिनों यादव कुनबे से खफा हैं और भाजपा का दामन धामने में दिलचस्पी ले रहे हैं।

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जब पीएम ने सार्वजनिक मंच पर अमर सिंह का किया था जिक्र:

इसे अमर सिंह के प्रभाव का ही असर कहेंगे कि पीछे साल यूपी में हुई ग्राउड ब्रेकिंग सेरेमनी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़े बड़े उद्योगपतियों के बीच सार्वजनिक मंच से नाम लिया तो अमर सिंह का लिया। पीएम ने कहा कि अमर सिंह यहां बैठे हैं, उन लोगों के काले चिट्ठे खोल देंगे जो उद्योगपतियों के सामने घुटने टेकते हैं।

मुलायम की दूसरी शादी के लिए किया था जमीन आसमान एक:

अमर सिंह ने ही मुलायम सिंह की दूसरी शादी को सार्वजनिक करने में जमीन आसमान एक कर दिया था। हालाँकि सभी को मुलायम यादव और साधना गुप्ता के बीच के रिश्ते के बारे में पता था, लेकिन नेता जी इसे सार्वजनिक तौर पर कबूलने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे थे, तब अमर सिंह ने उनका साथ दिया और साधना गुप्ता को उनका हक दिलाया।

सपा छोड़ कर दोबारा वापसी:

वहीं इसी के बाद से अखिलेश को अमर चाचा से गीले शिकवे हो गए जिसके बाद 6 जनवरी 2010 को समाजवादी पार्टी के सभी पदों से त्यागपत्र दे दिया था। फिर साल 2016 में इनकी समाजवादी पार्टी में पुनः वापसी हुई और राज्य सभा के लिए चुने गये। लेकिन परिवार में मचे घमासान के बीच अमर सिंह का मुद्दा उछला। इसके बाद तो अमर सिंह ने अखिलेश यादव को ऐसी-ऐसी बातें कहीं जिससे सियासी गलियारे में हड़कंप तक मच गया था।

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अखिलेश समेत मुलायम, माया और शिवपाल का किया नामकरण

अमर नाम करने करने के लिए काफी जाने जाते हैं, उन्होंने अखिलेश को औरंगजेब नाम दिया था, वहीं आज कल अमर सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष को नमाज़वादी कहते सुने जाते हैं।

वैसे केवल अखिलेश ही नहीं उन्होंने मायावती पर भी कई बयान दिए हैं, उन्होने मायावती को जोगिनी नाम दिया था। उन्होंने कहा था कि मायावती ने तो दिखा दिया है कि किस तरह छत्तीसगढ़ में कांग्रेस का हाथ पकड़ते-पकड़ते उन्होंने जोगी का हाथ थाम लिया और राजनीति की जोगिनी बन गईं।

मुलायम को बताया फुटबॉल और शिवपाल को धर्मपिता:

इसके अलावा सपा में शिवपाल और अखिलेश के बीच के घमासान में उन्होंने मुलायम सिंह यादव तो फुटबॉल बता डाला था। अमर ने कहा, कि नेताजी कभी अखिलेश तो कभी शिवपाल के कार्यक्रम में पहुंच जाते हैं। अभी तय नहीं है कि वह किसके पाले में जाते हैं।

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अखिलेश पर तंज कसते हुए अमर ने शिवपाल को धर्मपिता कहा था। उन्होंने अखिलेश का नाम लिए बगैर कहा कि वह धर्मपिता शिवपाल और मां की तरह देखभाल करने वाली शिवपाल की पत्नी से समझौता नहीं करेंगे लेकिन मायावती से समझौता कर लेंगे। उन्होंने डिंपल यादव पर शब्द बाण चलाए।

साभार यूट्यूब               

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