बीएचयू हास्पिटल में लापरवाही का आरोप, एमएस का इस्‍तीफा

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पूर्वांचल के एम्‍स की कहे जाने वाले एसएस हास्पिटल बीएचयू से बड़ी खबर है. कोरोना कोरोना मरीजों के साथ घोर लापरवाही के आरोपों के बीच गुरुवार को यहां के मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रो एसके माथुर ने इस्तीफा दे दिया है. हालांकि प्रो माथुर के इस्तीफे का कोई कारण नहीं बताया गया है. कुछ दिन पहले डिप्टी एमएस और कोरोना इंचार्ज के पद से इस्तीफा देने वाले प्रोफेसर केके गुप्ता को नया एमएस बनाया गया है.

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 डीएम ने शासन को लिखा था खत  

बीएचयू के एसएस हास्पिटल में कोरोना मरीजों के साथ घोर लापरवाही की लगातार बाते सामने आ रही थी. लापरवाही का आलम यह था कि वार्ड में किसी मरीज की मौत के बाद उसके शव घंटों वहीं बेड पर पड़ा रहता था. शहर के वरिष्‍ठ पत्रकार रत्‍नाकर दीक्षित की मौत के बाद भी उनके बेटे को हास्पिटल की ओर से उनकी हालत ठीक होने की जानकारी दी गयी. बेटे को यह भी बताया गया कि जल्‍दी ही उन्‍हें डिस्‍चार्ज कर दिया जायेगा. यहां तक कि जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने भी बीएचयू में हो रही लापरवाहियों पर शासन को तीन दिन पहले ही खत लिखा था. इसी इसी बीच एमएस के इस्तीफे को भी इसी से जोड़कर देखा जा रहा है.

इस्‍तीफा

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कोविड इंचार्ज के पद से दिया था इस्‍तीफा

नए एमएस बनाए गए प्रोफेसर केके गुप्ता की तैनाती को लेकर नोटिफिकेशन भी तत्काल जारी कर दिया गया है. केके गुप्ता ने कुछ दिन पहले ही कोरोना के बढ़ते मामलों और कोविड-19 वार्ड में बिगड़ते हालात के बीच डिप्टी एमएस और कोरोना वार्ड के इंचार्ज के पद से इस्तीफा दे दिया था. सूत्रों का कहना है कि प्रो केके गुप्‍ता हास्पिटल के स्थिति से खासे नाराज थे और तत्‍कालीन एमएस और यूनिवर्सिटी के अन्‍य अधिकारियों से खासे नाराज भी थे. बाद में कई दिनों से चले नाटकीय मामलों के बाद गुप्ता का इस्तीफा उस समय मंजूर कर लिया गया था. उनके इस्तीफे के बाद जनरल मेडिसिन विभाग के एक शिक्षक को कोविड वार्ड की जिम्मेदारी दी गई थी.

नाराजगी के बीच ही उन्होंने अपने इस्तीफे की बात की थी. उसी दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बीएचयू में कार्यक्रम तय हो गया. इससे मामला कुछ दिनों के लिए टल गया था. जिला प्रशासन की ओर से मंडलायुक्त ने भी इस मामले में हल निकालने की पहल की थी, लेकिन तब कोई हल नहीं निकल सका था.

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