अकेले प्रदर्शन करनी वाली अनु दूबे को पुलिस ने जी भरकर मारा

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हैदराबाद में महिला पशु चिकित्सक की बलात्कार के बाद जिंदा जलाकर हत्या करने के मामले में देशभर में लोगों में गुस्सा है।
हैदाराबाद में जहां लोग सड़कों पर उतरकर इंसाफ की मांग कर रहे हैं।
वहीं इस मामले की गूंज दिल्ली तक सुनाई दे रही है।
शनिवार सुबह एक युवती अनु दूबे संसद भवन के पास प्रदर्शन करनी पहुंची तो दिल्ली पुलिस ने उसे उठाकर थाने ले गई।
युवती का आरोप है कि थाने में पुलिवालों ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया।

दिल्ली में दुष्कर्म के बाद हत्या

राजधानी दिल्ली के पॉश इलाके गुलाबी बाग में शनिवार सुबह एक महिला की लाश उसके फ्लैट से बरामद हुई। महिला की हत्या की गई है।
मौके पर पुलिस पहुंच चुकी है।

पुलिस के अनुसार, महिला की हत्या जिस क्रूरता से की गई है, मौके पर पहुंची पुलिस टीम भी हैरत में है।
महिला की उम्र करीब 55 साल है। वह फ्लैट में अकेली रहती थी।

घटनास्थल पर मौजूद दिल्ली पुलिस के एक उच्च अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर आईएएनएस से कहा, “महिला एक दुकान चलाती थी।
मौके के हालात हत्या से पहले महिला के साथ दुष्कर्म की ओर भी इशारा कर रहे हैं।”

घटना की जानकारी पुलिस को सुबह करीब नौ बजे तब मिली, जब महिला ने रोज की तरह अपनी दुकान नहीं खोली।
पड़ोसियों ने घर के अंदर झांककर देखा तो महिला मृत पड़ी थी।

परिचित का हाथ

पुलिस अधिकारी के मुताबिक, “अभी तक जो कुछ सामने देखने को मिला है, उससे वारदात में किसी परिचित का हाथ लग रहा है।
मगर अभी इस बारे में स्पष्ट कह पाना जल्दबाजी हो सकती है।”

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, महिला अर्धनग्न हालत में मिली है, और बदन पर जो थोड़े बहुत कपड़े मिले हैं, वे भी फटे हुए हैं।

यह कहना है अनु दुबे का

अनु दूबे का कहना है कि थाने में लेकर जाकर तीन लेडी कांस्टेबल मेरे ऊपर चढ़ी थी।
वो मुझसे कुछ जानकारी मांग रहे थे तो मैंने कहा था बाहर जाकर बोलूंगी। इस पर उन्होंने मुझे बहुत मारा।
अनु ने कहा कि ये मेरे बारे में नहीं है वो लड़की मर गई।
मैं मरना नहीं चाहती और नहीं चाहती हूं कि अब कोई रेप की घटना हो।
इसलिए मैं प्रदर्शन कर रही थी।
जब इस मामले में दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल को पता चला वह अनु दूबे की मदद के लिए पार्लियामेंट स्ट्रीट थाने पहुंची।

अनु दूबे को पुलिस ने मारा

स्वाति मालीवाल ने कहा कि अनु दूबे को पुलिस ने मारा है।
दिल्ली पुलिस को शर्म आनी चाहिए।
अनु को थप्पड़ और नाखून मारे गए और दोबारा प्रर्दशन करने से रोका गया।
उन्होंने कहा कि अनु को धक्के मार के लिटाया गया और फिर उस पर तीन लेडी कांस्टेबल चढ़ गई।
उन्होंने कहा कि इस मामले में एफआईआर दर्ज होनी चाहिए और तीन अफसरों को बर्खास्त होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि एक लड़की अपनी आवाज नहीं उठा सकती है।
नेता तो कुछ करते नहीं है और आज का युवा आवाज उठाता है तो उसकी आवाजा को तो उसकी आवाज को दबाने की कोशिश की जाती है।
दिल्ली पुलिस पर धिक्कार है।
अनु दुबे के शरीर पर चोट के निशान हैं।

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