गठबंधन के नाम पर कुछ ऐसे बदलती चली गईं तस्वीरें

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दिन शनिवार समय 12 बजे एक मंच पर दो कुर्सियां एक बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती और समाजवादी पार्टी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पहली बार एक साथ नजर आएं। एक मंच में एक साथ बुआ भतीजे को देख प्रदेश की सियासत में भूचाल ला दिया है।

इस तरह से दोनों का साथ देख यकीन भाजपा के पेट में दर्द होना तो जायज है। पर ये पहली बार नही हैं जब बसपा ने सत्ता में आने के लिए गठबंधन का सहारा लिया हो। इसके पहले मायावती ने कांग्रेस से लेकर सपा यहां तक की भाजपा से हाथ मिलाने में तनिक भी गरेज नही की।

akhilesh mayawati pc

अभी धूंधली सी याद आती है बसपा और सपा के गठबंधन की वो तस्वीर। जिसमें 25 साल पहले कांशीराम और सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव ने सत्ता में आने के लिए गले मिलने की तस्वीरें आम हुई थी। ऐसे में 25 साल पहले 1993 में समाजवादी पार्टी अध्‍यक्ष मुलायम सिंह यादव और बसपा अध्‍यक्ष कांशीराम ने समझौता किया और भाजपा को दोबारा सत्‍तारूढ़ होने से रोक दिया था।

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kashiram with mulayam singh

1992 में अयोध्या में मामला ने इस सरकार गिरा दी। हालात ये पैदा हो गए कि उस समय के मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने इस्तीफा देना पड़ गया था। उस समय बसपा सुप्रीमो कांशीराम और सपा के अध्‍यक्ष मुलायम सिंह यादव की नजदीकियां चर्चा का केंद्र बन रही थीं। दोनों पार्टियों ने पहली बार चुनावी गठबंधन किया और बीजेपी के सामने मैदान में उतरीं। इस दौरान एक नारा ‘मिले मुलायम कांशीराम, हवा में उड़ गए जयश्री राम’प्रदेश की राजनीति का केंद्र बन गया।

mayawati with sonia gandhi

कर्नाटक में दिखा था महागठबंधन

साल 2018 में एक मंच पर जब सारे राजनीतिक दल सामने आए तो वो दिन देश की राजनीतिक का सबसे बड़ा दिन था। वो तस्वीर बता रही थी एक तरफ भाजपा और दूसरी तरफ बाकी राजनीतिक दल। जिसमें कांग्रेस सुप्रीमो सोनिया गांधी के साथ मायावती नजर आईं थी। उसके बाद मध्यप्रदेश राजस्थान में भी बसपा ने कांग्रेस को सहारा देकर सरकार बना दी थी। वहीं आज 2019 के गठबंधन से कांग्रेस को बाहर रखा साथ ही हमलावर रवैया भी अपनाया। इस दौरान मायावती ने कांग्रेस पर कई कटाक्ष मारे। याकि तक कहने से नहीं चूंकि कि आजादी के बाद से कांग्रेस राज में जनता परेशान रही है।

mayawati with atal bihari

अटल के साथ नजर आईं थी मायावती

एक तस्वीर जिसमें मायावती के साथ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ नजर आई थी।

2019 अखिलेश यादव और मायावती

अब 2019 के आगामी लोकसभा चुनाव से पहले की गठबंधन की ये तस्वीर है। पहली बार अखिलेश यादव और मायावती एक साथ पहली बार एक मंच पर नजरप आए थे। लक्ष्य भाजपा को जड़ से उखाड़ फेंकना। अखिलेश मायावती ने प्रेसवार्ता करके प्रदेश की राजनीति में एक बार फिर सियासी भूचाल ला दिया है।

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