ADR रिपोर्ट में खुलासा, 34 एमएलए की आय 300 गुना बढ़ी

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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एडीआर ने प्रेस वार्ता करते हुए आगामी चुनाव को लेकर सर्वे के आधार पर अपने आकड़ें रखें। बता दें कि एडीआर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स देश और प्रदेश स्तर पर चुनाव और राजनीति से जनता की आवश्यकता पर सर्वे कर चुनाव से पहले अपना गणित रखती है।

विधायकों की आय पर सर्वे:

एडीआर ने प्रेसवार्ता के दौरान बताया कि यूपी के 34 एमएलए की आय में पिछले सालों की तुलना में 300 गुना की वृद्धि दर्ज की गयी है। वहीं दोबारा चुनाव लड़ने वाले नेताओं की आय में करीब 60 गुना बढ़ोतरी दर्ज की गयी।

उन्होंने बताया कि साल 2007 में 31 विधायकों की औसत संपति 1.4 करोड़ थी, वहीं साल 2012 में औसत आय 3.78 करोड़ और 2017 में विधायकों की संपत्ति बढ़कर 7.74 करोड़ पहुंच गई। इसके अलावा उन्होंने उत्तर प्रदेश की जनता की आवश्यकता के बारे में बताया।

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देश की जनता के प्राथमिक मुद्देः

एडीआर की रिपोर्ट के मुताबिक यूपी की जनता सबसे ज्यादा रोजगार, उसके बाद हेल्थ से सम्बन्धित मांग करती है। इसके साथ ही लॉ एंड ऑडर सही हो इसे भी यूपी की जनता जरुरी मानती है। यहीं नहीं उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को खेती के लिए कृषि लोन के साथ बिजली और रोजगार का मुद्दा चाहिए।

देश की जनता के प्राथमिक मुद्दों में चिकित्सालय, स्वास्थ, पीने का पानी,पब्लिक ट्रांसपोर्ट, सिचाई का पानी,कर्ज, खेती का उचित मूल्य,ख़ाद्य बीच की सब्सिडी, और लॉ एंड आर्डर है, वहीं सबसे कम प्राथमिकता की चीज करप्शन है। आंतकवाद भी प्राथमिकता में नही है, वहीं जनता के लिए अवैध खनन का भी मुद्दा कमजोर है।

सरकार के ठीक से काम करने के सवाल पर जनता नाराजः

वहीं उन्होने ये भी बताया कि सर्वे के मुताबिक जब जनता से सवाल किया गया कि क्या सरकार ठीक से काम कर रही है तो इस सवाल पर जनता बहुत नाराज नजर आयी।

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एडीआर के सर्वे के मुताबिक़ मतदाताओं की जागरूकता का स्तर बढ़ा है, तकरीबन 74% वोटर्स ने कहा कि उपहार देकर वोट मांगना अवैध है। बता दें कि एडीआर रिपोर्ट में दावा किया गया की 70 प्रतिशत से अधिक राजनेता करोड़पति हैं। रिपोर्ट के मुताबिक़ 2007 में उनकी औसत सम्पत्ति एक करोड़ थी लेकिन अब औसत दौलत सात करोड़ है। वहीं क्राइम का प्रतिशत भी बढ़ा है।

आपराधिक प्रत्याशियों को राजनीतिक पार्टियों ने दिया खुलकर मौका

इस सूची के मुताबिक़ दोबारा निर्वाचित होते होने वाले एमएलए की दौलत भी लगातार बढ़ी है, जिसमें मेनका गांधी की दौलत में 460 प्रतिशत का इजाफा हुआ तो वहीं सोनिया गांधी की संपत्ति 984% बढ़ी है। इस सूची में बृजभूषण शरण सिंह का भी नाम है, जिनकी सम्पत्ति 72% बढ़ी है

इतना ही नहीं आर्थिक और आपराधिक रूप से मजबूत प्रत्याशियों को राजनितिक पार्टियों ने खुलकर मौके दिए हैं।

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