कोरोना से ठीक हुए 22 फीसद मरीज हुए ‘लॉन्ग कोविड सिंड्रोम’ के शिकार, आप भी हो जाएं सावधान
22 फीसद मरीज हुए 'लॉन्ग कोविड सिंड्रोम' के शिकार
अगर आप भी कोरोना से जंग जीत भी चुके हैं, तो भी सावधानी बरतने की जरूरत है। दरअसल, एम्स के अध्ययन में यह पता चला है कि संक्रमण का शिकार होने वाले 22 फीसद मरीज 3 से 6 महीने तक अलग-अलग बीमारियों से जूझते रहे हैं, जिसे ‘लॉन्ग कोविड सिंड्रोम’ कहा जाता है। डॉक्टर कहते हैं कि घबराएं नहीं, कोरोना से उबरने के बाद सतर्कता बरतें और किसी तरह की परेशानी होने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें।
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लॉन्ग कोविड सिंड्रोम के लक्षण
तय मानक के अनुसार 4 से 12 हफ्ते या उससे ज्यादा समय तक लक्षण बरकरार रहने पर लॉन्ग कोविड सिंड्रोम कहा जाता है। इस बीमारी में ब्लड क्लॉट की समस्या भी देखी जा रही है। फेफड़े में संक्रमण की वजह से लंबे समय तक सांस लेने में परेशानी हो सकती है। मध्यम व गंभीर संक्रमण के मरीजों के इलाज में कई तरह की दवाएं चलती है। सकारात्मक सोच, सांस से संबंधित योग व व्यायाम से इस पर काबू पाया जा सकता है।
ऐसे किया गया अध्ययन
–साल की औसत उम्र वाले मरीजों पर किया गया अध्ययन
–अस्पताल में वो मरीज भर्ती किए गए थे, जो औसतन 11 दिन अस्पताल में भर्ती रहे थे।
–मरीजों को अस्पताल से छुट्टी मिलने या क्वारंटाइन की अवधि पूरी होने के दौरान कुछ लक्षण बरकरार थे।
अध्ययन का निष्कर्ष
22 फीसद मरीजों में लांग कोविड देखा गया। इनमें से 12.1 फीसद मरीजों में तीन माह तक व 9.9 फीसद मरीजों में तीन माह के बाद भी लक्षण बरकरार थे।
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