Enginees Day 2020: जानिए, आखिर क्यों मनाया जाता है अभियन्ता दिवस?

0

भारत में हर साल 15 सितंबर को अभियन्ता दिवस (इंजीनियर्स डे) मनाया जाता है। भारत के अलावा दुनिया के कई देशों में भी यह दिवस मनाया जाता है, लेकिन अलग-अलग देशों में इसकी मनाये जाने की तारीख अलग-अलग है।

आखिर क्यों मनाया जाता है इंजीनियर्स डे ?

15 सितंबर को भारत के महान अभियन्ता एवं भारतरत्न मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया का जन्मदिन है। भारत के महान इंजिनियरों में से एक थे… एम. विश्वेश्वरैया। इन्होंने ही आधुनिक भारत की रचना की और भारत को नया रूप दिया। उनकी दृष्टि और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में समर्पण भारत के लिए असाधारण योगदान रहा। विश्वेश्वरैया को मॉडर्न मैसूर स्टेट का पिता कहा जाता था।

बता दें कि 15 सितम्बर, 1860 को मैसूर रियासत में एम. विश्वेश्वरैया का जन्म हुआ था, जो आज कर्नाटका राज्य बन गया है। इनके पिता का नाम श्रीनिवास शास्त्री था, जो कि संस्कृत विद्वान और आयुर्वेदिक चिकित्सक थे। इनकी माता वेंकचाम्मा एक धार्मिक महिला थीं। जब विश्वेश्वरैया की उम्र 15 वर्ष की थी, तब उनके पिता का देहांत हो गया था।

इन्होंने चिकबल्लापुर से प्राइमरी स्कूल की पढ़ाई पूरी की और आगे की पढ़ाई के लिए वे बैंग्लोर चले गए। 1881 में विश्वेश्वरैया ने मद्रास यूनिवर्सिटी के सेंट्रल कॉलेज, बैंग्लोर से बीए की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद मैसूर सरकार से उन्हें सहायता मिली और उन्होंने पूना के साइंस कॉलेज में इंजीनियरिंग के लिए एडमिशन लिया। 1883 में एससीई (LCE) और एफसीई (FCE) एग्जाम में उनका पहला स्थान आया।

मोक्षमुंडम विश्वेश्वरैया का करियर

इंजीनियरिंग पास करने के बाद विश्वेश्वरैया को बॉम्बे सरकार की ओर से जॉब का ऑफर मिला और उन्हें नासिक में असिस्टेंट इंजिनियर के तौर पर काम मिला। एक इंजीनियर के तौर पर उन्होंने बहुत से अद्भुत काम किये। विश्वेश्वरैया ने सुक्कुर गाँव तक सिन्धु नदी से पानी की सप्लाई करवाई और साथ ही उन्होंने एक नई सिंचाई प्रणाली ‘ब्लाक सिस्टम’ को भी शुरू किया। उन्होंने बांध में इस्पात के दरवाजे लगवाए, जिससे कि बांध के पानी के प्रवाह को रोका जा सके। उन्होंने मैसूर में कृष्णराज सागर बांध बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। विश्वेश्वरैया ने ऐसे ही बहुत से और असाधारण कार्य किये।

भारत सरकार ने 1906-07 में उन्हें जल आपूर्ति और जल निकासी व्यवस्था की पढ़ाई के लिए ‘अदेन’ भेजा। उनके द्वारा बनाये गए प्रोजेक्ट को अदेन में सफलतापूर्वक कार्यान्वित किया गया। हैदराबाद सिटी को बनाने का भी पूरा श्रेय विश्वेश्वरैया जी को ही जाता है। उन्होंने वहां एक बाढ़ सुरक्षा प्रणाली तैयार की, जिसके बाद समस्त भारत में उनका नाम हो गया।

दुनिया के अन्य क्षेत्र में भी मनाया जाता है ‘इंजिनियर डे’

  1. 16 जून – अर्जेंटीना
  1. 7 मई – बांग्लादेश
  1. 20 मार्च – बेल्जियम
  1. 17 अगस्त – कोलंबिया
  1. 10 अप्रैल – आइसलैंड
  1. 24 फ़रवरी – ईरान
  1. 15 जून – इटली
  1. 1 जुलाई – मैक्सिको
  1. 8 जून – पेरू
  1. 14 सितम्बर – रोमानिया
  1. 5 दिसम्बर – तुर्की

आपको बता दें कि 6 सितंबर 2020 यानि रविवार को संयोजक ई. पीताम्बर झा की अध्यक्षता में रामदयालु में तिरहुत परिक्षेत्र के अभियन्त्रण सेवा समन्वयक समिति की बैठक हुई थी। इस बैठक में अभियन्ता दिवस समारोह का आयोजन 15 सितंबर को कोरोना महामारी को देखते हुए सादगी से मनाने का निर्णय लिया गया था। बैठक में अपर अभियंता संघ के पूर्व अध्यक्ष ई. उमेश साह के निधन पर शोक व्यक्त किया गया था।

यह भी पढ़ें: इंजीनियर्स डे पर बोले प्रधानमंत्री मोदी- देश के विकास के लिए लाखों इंजीनियर देता है बिहार

यह भी पढ़ें: जालसाजी से निकाले गये 6 लाख रुपये राम मंदिर ट्रस्ट को SBI ने लौटाए, ऐसे हुई थी चोरी

यह भी पढ़ें: इस लड़की को मिला ईश्वरीय वरदान, जमीन देखकर बता देती है- कहां है पानी !

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं। अगर आप डेलीहंट या शेयरचैट इस्तेमाल करते हैं तो हमसे जुड़ें।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More