विदेश नीति को लेकर सरकार पर कांग्रेस ने किया हमला

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कांग्रेस ने राज्यसभा में विदेश नीति(foreign policy) के मुद्दों, खास तौर पर चीन के साथ सैन्य गतिरोध को लेकर गुरुवार को सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकार की वजह से राष्ट्रीय सुरक्षा और राष्ट्र हित खतरे में हैं। सदन में विदेश नीति पर बहस की शुरुआत करते हुए वरिष्ठ सदस्य आनंद शर्मा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके व चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई बैठक में डोकलाम सीमा गतिरोध क्या चर्चा की गई, इस पर जानकारी देने की मांग की।

कांग्रेस नेता ने कहा कि सरकार को परखी गई विदेश नीति को कमजोर व भटकाना नहीं चाहिए और देश हित को कायम रखना चाहिए।

चीनी राष्ट्रपति से प्रधानमंत्री मोदी की दो बार मुलाकात

चीनी राष्ट्रपति से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो बार मुलाकात का जिक्र करते हुए शर्मा ने कहा, “मोदी जी ने शी जिनपिंग के साथ दो बार मुलाकात की, एक बार अस्ताना में और हैम्बर्ग में और हमसे कहा गया कि दोनों में सार्थक बातचीत हुई।”

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उन्होंने कहा, “चीन इससे क्यों इनकार करता है। मैं अपनी सरकार पर विश्वास करता हूं, लेकिन उनकी इनकार करने में क्या मंशा है।”

शर्मा ने यह भी कहा कि मोदी ने एक बार भी नहीं उल्लेख किया है कि उनकी चीनी राष्ट्रपति से क्या वार्ता हुई। उन्होंने कहा, “यहां तक कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) भी मिले। हम उनसे बैठक के सभी विवरणों का खुलासा नहीं करने के लिए कह रहे हैं, लेकिन यदि गतिरोध का समाधान हो सकता है तो हमें यह विचार दिया जाना चाहिए।”

विदेश मंत्री सुषमा जी कूटनीति को दें अवसर

कांग्रेस नेता ने कहा, “यह सामरिक और राष्ट्रीय हित में जानना हमारा अधिकार है। प्रधानमंत्री चुप नहीं रह सकते।” उन्होंने कहा, “हम चाहते हैं कि विदेश मंत्री सुषमा जी (स्वराज) कूटनीति को अवसर दें। हम मानते है कि सभी कूटनीतिक माध्यम बातचीत और भारत के हितों की रक्षा के लिए खुले रहने चाहिए।”

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शर्मा ने उल्लेख किया कि चीन के साथ संबंध बहुत जटिल और असहज हैं। उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि विदेश मंत्री पूरी तरह से डोकलाम में चीन के साथ संघर्ष से परिचित हैं।

हमारी सुरक्षा और राष्ट्रीय हित खतरे में है। चीन असामान्य रूप से आक्रामक है।” उन्होंने भी कहा कि चीनी राष्ट्रपति ने मुद्दे पर दो बार बोला है। उन्होंने कहा, “हम जानना चाहते हैं कि चीन के बयान पर सरकार की क्या प्रतिक्रिया है।”

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